दूसरा दशक के सिलाई प्रशिक्षण शिविरों का समापन बाप न्यूज / रमन दर्जी | दूसरा दशक द्वारा फलोदी व बाप में आयोजित निःशुल्क सिलाई प्रशिक्षण श...
दूसरा दशक के सिलाई प्रशिक्षण शिविरों का समापन
बाप न्यूज / रमन दर्जी | दूसरा दशक द्वारा फलोदी व बाप में आयोजित निःशुल्क सिलाई प्रशिक्षण शिविरों का संयुक्त समापन शुक्रवार को बाप में हुआ। इन दो शिविरों में 52 किशोरियों व महिलाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। सिलाई प्रशिक्षण के लिए फलोदी में जेठीदेवी जोगराज शर्मा फाउंडेशन तथा बाप में श्रीविश्वकर्मा सुथार एकता फाउंडेशन द्वारा वित्तीय सहयोग प्रदान किया जा रहा है।
समापन समारोह की मुख्य अतिथि बाप नगर पालिका
अध्यक्षा लीला देवी पालीवाल ने प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुवे कहा कि आपने
हाथ का हुनर सीखा है इसलिए लोग आपके घर आयेंगे। यह आत्मनिर्भर होने का एक अच्छा उदाहरण
है। दूसरा दशक में आई किशोरियों को विश्वास के साथ बोलते देख कर उनका कहना था कि स्पष्ट
नजर आता है कि इनको दूसरा दशक के कार्यकर्ताओं ने बहुत हिम्मत दी है। लीला देवी पालीवाल
ने कहा कि हिम्मत रखो, आगे बढ़ते रहो यही जीवन है।
पालीवाल समाज बाप अध्यक्ष प्रेम पालीवाल ने कहा कि हमें सीखने पर जितनी खुशी नहीं होती उससे अधिक खुशी दूसरों को सिखाने से मिलती है। पालीवाल ने महात्मा गांधी का उदाहरण देते हुए कहा कि गांधीजी स्वयं द्वारा काते गए सूत से बने कपड़े पहनते थे और आज सिलाई का प्रशिक्षण प्राप्त लड़कियां स्वयं अपने द्वारा बनाई ड्रेस कर पहन कर बैठी हैं। यह सिलाई से सबलीकरण का बड़ा उदाहरण है।
वरिष्ठ समाजसेवी व स्वास्थ्यकर्मी जगदीश
शर्मा ने कहा कि हंसना ही जिंदगी है, खुश रहने से हीमोग्लोबिन बढ़ता है। जीवन में समस्याएं
तो आती रहती है, हिम्मत रखें, हिम्मत से ही सभी काम होते हैं।
श्रीविश्वकर्मा सुथार एकता फाउंडेशन अध्यक्ष
भोमराज सुथार ने कहा कि बाप शिविर में सिलाई सीखी किशोरियां एवं महिलाएं प्रशिक्षक
बने ताकि आगामी शिविर में फलोदी से प्रशिक्षकों को नहीं आना पड़े। भोमराज ने दूसरा
दशक से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाली लड़कियों-महिलाओं के लिए बाप में लाइब्रेरी
शुरू करने का सुझाव दिया। इस कार्य के लिए भोमराज व लीला देवी ने पूर्ण सहयोग करने
की बात कही।
दूसरा दशक के परियोजना निदेशक मुरारी लाल
थानवी ने कहा कि लीलादेवी पालीवाल जिस प्रकार अपनी नगर पालिका अध्यक्षा की सक्रिय भूमिका
निभा कर रही हैं, वह अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि दूसरा दशक के माध्यम से वर्षों से
की गई मेहनत के परिणाम अब सामने आ रहे हैं। सिलाई प्रशिक्षिकाएं कुसुम लता, रजिया,
सुल्ताना, मनीषा व कीर्ति ने भी अपने अनुभव शेयर किए। इनके अलावा निशांत, अनीषा, माया,
बशीरो, राखी, कीर्ति पुरोहित, नीलम, मनु आदि ने भी अपने विचार रखे। परियोजना समन्वयक
प्रीति राठौर ने कार्यक्रम का संचालन किया।
आतंकी हमले की निंदा
कार्यक्रम में सर्वप्रथम पहलगाम में हुए
आतंकी हमले में मारे गए 26 पर्यटकों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। इस
नृशंस हत्याकांड की चर्चा करते हुए सभी ने इस घटना की कड़े शब्दो में निंदा की।