बाप न्यूज : जयपुर | ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हीरालाल नागर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वर्ष 2047 तक विकसित भारत के सं...
बाप न्यूज : जयपुर | ऊर्जा
राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हीरालाल नागर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
के वर्ष 2047 तक विकसित भारत के संकल्प को साकार करने की दिशा में ऊर्जा क्षेत्र की
भागीदारी अहम है। उन्होंने कहा कि रूफ टॉप सोलर के माध्यम से देश के एक करोड़ घरों को
सौर ऊर्जा से रोशन करने के लक्ष्य के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधानमंत्री सूर्यघर
मुफ्त बिजली जैसी महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की है। इस योजना के जरिए आने वाले वक्त
में राजस्थान देश में सोलर एनर्जी का बड़ा हब बनकर उभरेगा।
ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र
प्रभार) नागर गुरूवार को मानसरोवर स्थित परिष्कार कॉलेज में परिष्कार कॉलेज ऑफ ग्लोबल
एक्सीलेंस तथा राजस्थान सोलर एसोसिएशन की ओर से प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना उद्यमिता,
कौशल विकास, अवसर एवं चुनौतियां विषय पर कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने
कहा कि पीएम सूर्यघर योजना आमजन की बिजली की जरूरतों को पूरा करने के साथ ही सौर ऊर्जा
के क्षेत्र में गेमचेंजर सिद्ध होगी। प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से भारत विश्व
में नवीकरणीय ऊर्जा का सबसे प्रमुख उत्पादक देश बनने जा रहा है, जहां हर घर सौर ऊर्जा
से रोशन होगा।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि आने वाला वक्त नवीकरणीय ऊर्जा का है। सौर ऊर्जा को
जिस तरह से बढ़ावा मिल रहा है। उसे देखते हुए वेंडरों, तकनीशियनों तथा कुशल मानव संसाधन
की मांग बढ़ेगी। ऐसे में इस सेक्टर में रोजगार के अधिक से अधिक अवसर सृजित होंगे। उन्होंने
शैक्षणिक संस्थाओं, विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे देश में सौर ऊर्जा क्रांति
को बढ़ावा देने की मुहिम में सहभागी बनें।
ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नागर ने कार्यशाला में उपस्थित शिक्षकों,
विद्यार्थियों तथा राजस्थान सोलर एसोसिएशन के पदाधिकारियों एवं विशेषज्ञों को ऊर्जा
संरक्षण की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा
देने में कोई कसर नहीं रखेगी। उन्होंने कहा कि अपनी अनुकूल भौगोलिक परिस्थितियों तथा
राज्य सरकार के प्रयासों के कारण राजस्थान इस क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनेगा।
परिष्कार कॉलेज के निदेशक डॉ. राघव प्रकाश ने ऊर्जा मंत्री का स्वागत करते
हुए कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देकर ही ऊर्जा की मांग को पूरा किया जा
सकता है। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थान सौर ऊर्जा जैसे एमर्जिंग क्षेत्र में नवीनतम
पाठयक्रम संचालित कर इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के राज्य सरकार के प्रयासों में सहभागिता
निभा सकते हैं। कॉलेज के द्वारा सेमीकंडक्टर, नैनो टैक्नोलॉजी, ग्रीन हाइड्रोजन, रिन्यूएबल
एनर्जी आदि से जुड़े पाठयक्रम संचालित किए जा रहे हैं।
राजस्थान सोलर एसोसिएशन के वाइस प्रेसीडेंट मनोज गुप्ता ने बताया कि इस योजना
के माध्यम से देश में 30 गीगावाट सौर ऊर्जा क्षमता के संयंत्र स्थापित किए जाएंगे जिससे
कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी। परिष्कार कॉलेज की प्राचार्या श्रीमती सविता पाईवाल
ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर जयपुर विद्युत वितरण निगम, राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम
के अधिकारी भी उपस्थित थे।