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मौसमी बीमारियां पसार रही पांव, बाप सीएचसी में नही पर्याप्त चिकित्सक

कार्यरत दो चिकित्सक भी सुबह पहले घंटे में नहीं मिलते तहसीलदार ने किया औचक सीएचसी निरीक्षण   पौने दस बजे भी नही मिले चिकित्सक बाप न्यूज |  मौ...


  • कार्यरत दो चिकित्सक भी सुबह पहले घंटे में नहीं मिलते
  • तहसीलदार ने किया औचक सीएचसी निरीक्षण  
  • पौने दस बजे भी नही मिले चिकित्सक
बाप न्यूज मौसम में आ रहे बदलाव के साथ ही कस्बे के अस्पताल में मरीजों की भीड़ लगनी शुरू हो गई है। पिछले कुछ दिनों से ओपीडी तीन सौ से पार जा चुकी है। लेकिन चिकित्सालय में व्याप्त अव्यवस्थाओं के चलते मरीजों को उपचार नहीं मिल पा रहा है। डाक्टरों व नर्सिगकर्मियों कमी मरीजों पर भारी पड़ रही है। पीएचसी से बद्दतर हालात से गुजर रहे इस सीएचसी में आने वाला दुर्घटनाग्रस्त केस अधिकांश रैफर किये जाते है। प्रसुताओं की भी कुछ हालात ऐसी ही है। ग्रामीणों की माने तो रात में ज्यादातर प्रसतुओं को रैफर ही किया जाता है।
नव गठित फलोदी जिला मुख्यालय से महज 30 किमी दूर हाइवे पर आबाद बाप उपखंड मुख्यालय में लचर स्वास्थ्य व्यवस्था के हालात पिछले कई वर्षो से बने हुए है। न चिकित्सक यहां आना चाहते है और न ही जनप्रतिनिधियों ने इस पर कभी ध्यान दिया। जनप्रतिनिधियों की अस्पताल को लेकर बरती जा रही असंवेदनशीलता ग्रामीणों को समझ नहीं आ रही है। विकास के दंभ भरने वाले जनप्रतिनिधि स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ करने में नाकाम साबित हो रहे है। 

शुक्रवार सुबह साढ़े नो बजे बाप तहसीलदार शिव प्रसाद शर्मा बाप सीएचसी का औचक निरीक्षण करने पहुंच गये। अस्पताल में उस समय एक भी चिकित्सक नहीं मिला। अस्पताल आने वाले मरीजों को सीनियर नर्सिग ऑफिसर ही देख रहे थे। तहसीलदार ने उनसे बात की तो उन्होने चिकित्सक को कॉल किया। इसके बाद रात्रि ड्य्टी के चिकित्सक डॉ. प्रेम ग्वाला आये। एक अन्य चिकित्सक के बारे में पूछा तो बताया गया कि मिटिंग में गये हुए है। तहसीलदार ने कहा कि उन्हे तीन चार दिनो से चिकित्सक नहीं आने की शिकायते आ रही है। चिकित्सक कितने दिन की मिटिंग मे गये हुए है। वार्ड में भर्ती एक मरीज के ड्रिप चढ़ रही थी। तहसीलदार ने उनसे भी बात की। उन्होने भी बताया कि चिकित्सक नहीं मिला। तहसीलदार ने बीसीएमओ से दूरभाष पर बात की तथा सीएचसी बाप की व्यवस्था सुधारने को कहा। उन्होने कहा कि मरीज बडी उम्मीद के साथ आ रहे है, लेकिन जब उपचार नहीं मिलता है तो उन पर क्या बीतती है। अस्पताल में अभी दो चिकित्सक कार्यरत है। जिसमें एक चिकित्सक की ड्यूटी रात को लगाई हुई है। लेकिन चिकित्सक अस्पताल में समय पर नहीं आते।
इस बार पांव पसार रहा मलेरिया 
मौसमी बीमारियों तेज गति से फैल रही है। साथ ही मलेरिया भी पांव पसार रहा है। बाप सीएचसी में प्रतिदिन होने वाले 70 – 75 जांचों में 2 से 5 मलेरिया मरीज सामने आ रहे है। लेकिन वास्तविकता इससे अलग है। निजी जांच केंद्रो में मलेरिया के मरीज ज्यादा सामने आ रहे है। बाप में बीते तीन सालो से मलेरिया नहीं था, लेकिन इस बार मलेरिया डंक मारने लग गया है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने लीपापोती करते इस गंभीरता से नहीं लिया तो हालात भयावक बन सकते है। एक दशक पहले बाप मलेरिया हाईजोन रिस्क था।
गेट पर कीचड़ को लेकर भी जताई नाराजगी
निरीक्षण करने अस्पताल आये तहसीलदार की गाड़ी भी कीचड़ में से होकर अस्पताल के अंदर आई। तहसीलदार ने चिकित्सक से कहा कि अस्पताल के गेट के बाहर खुले पड़े गड्ढे व उनमें भरा पानी तथा गेट के बाहर पसरे कीचड़ से लोग परेशान हाे रहे है। इसको ठीक करवायें।