यांत्रिक, जैविक एवं रासायनिक तरीके से कीट नियंत्रण की सलाह बाप न्यूज़ | खरीफ फसलों में फड़का कीट का आक्रमण सम्भावित हो सकता है। इसके नियंत्र...
यांत्रिक, जैविक एवं रासायनिक तरीके से कीट नियंत्रण की सलाह
बाप न्यूज़ | खरीफ फसलों में फड़का कीट का आक्रमण सम्भावित हो सकता है। इसके नियंत्रण के लिए संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार जोधपुर ब्रजकिशोर द्धिवेदी ने किसानों के लिए फड़का (ग्रासहोपर) कीट नियंत्रण की एडवाइजरी जारी की है।
एडवाइजरी में बताया कि ग्रासहोपर यानी फड़का कीट सर्वभक्षी होता है। पत्तियों व दानों को नष्ट करता है। शिशु अवस्था में इस कीट का नियंत्रण प्रभावी होता है। प्रकाश पाश पद्धति भी उपयोगी होती है। कीट नियंत्रण में शस्य, जैविक, यांत्रिक एवं आवश्यकता होने पर रासायनिक दवाओं का उपयोग करना महत्वपूर्ण है। कीट आर्थिक हानि स्तर से अधिक हो तो क्यूनालफाँस डेढ प्रतिशत चूर्ण 25 किलोग्राम प्रति हेक्टर सुबह या शाम भूरकाव अथवा क्यूनालफाँस 25 ईसी. दवा दो मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में घोल तैयार कर छिड़काव किया जाये। भूरकाव व छिड़काव में स्वयं के सुरक्षा के संसाधनों का उपयोग अवश्य करे। किसी भी कीट की समस्या होने पर अपने नजदीकी कृषि अधिकारी से भी सलाह अवश्य ली जाये।
सहायक कृषि अधिकारी रफीक अहमद कुरैशी ने बताया की यदि फसल में किसी भी प्रकार के कीट-व्याधि नजर आये तो समय पर नियत्रंण के कार्य को किया जाता है तो कीट नियंत्रण कार्य सदैव प्रभावी होता है।