शिक्षा मंत्री ने दूसरा दशक द्वारा ओपन स्कूल के प्रचार के लिए किए गए प्रयासों की सराहना बाप न्यूज | दूसरा दशक के तत्वावधान में शुक्रवार...
शिक्षा मंत्री ने
दूसरा दशक द्वारा ओपन स्कूल के प्रचार के लिए किए गए प्रयासों की सराहना
बाप न्यूज | दूसरा दशक के तत्वावधान में शुक्रवार को फलोदी में शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला के मुख्य आतिथ्य में 100 महिला ब्रांड एंबेसडर का "शिक्षा संवाद' कार्यक्रम में आयोजित किया गया। डॉ. बी.डी. कल्ला ने महिला शिक्षा पर जोर देते हुवे कहा कि यदि महिला पढ़ी लिखी होगी तो समाज आगे बढ़ेगा। शिक्षा संवाद में 16 गांवों की 100 लाभार्थी किशोरियों और महिलाओं ने भाग लिया।
शिक्षा मंत्री कल्ला का कहना था कि महिलाओं का पढ़ना बहुत जरूरी है। उनके पढ़ने से ही सामाजिक गाड़ी तेज चलेगी। उन्होंने किशोरियों से कहा कि महिला शिक्षा की ब्रांड एंबेसडर के नाते आपको दो काम करने हैं। पहला कोई भी बहन शिक्षा से वंचित ना रहे। और दूसरा महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाना है। शिक्षा मंत्री ने दूसरा दशक के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि फलोदी क्षेत्र में इनके प्रचार अभियान से स्टेेट ओपन स्कूल से 12 हजार से अधिक ड्रॉपआऊट का फिर से 10वीं कक्षा की पढ़ाई शुरू करना एक बड़ी उपलब्धि है।
ओपन स्कूल की लाभार्थी
किशोरियों ने शिक्षा मंत्री को ज्ञापन देकर बताया कि ओपन स्कूल की पुस्तकंे बहुत
देर से प्राप्त होती है। इसलिए इन पुस्तकों को समय पर उपलब्ध करवाया जाए। व्यक्तिगत
संपर्क शिविर तथा परीक्षा केन्द्रों को परीक्षार्थियों के गांवों में ही अथवा निवास
स्थान के नजदीक स्थापित किया जाए। दूसरा दशक के परियोजना निदेशक मुरारी लाल थानवी ने
राज्य के समस्त विद्यालयों में बालिकाओं के लिए सैनेटरी नैपकिन वेंडिंग तथा डेस्ट्रॉय
मशीन उपलब्ध करवाने की मांग की।
पूर्व विधायक ओम
जोशी ने कहा कि दूसरा दशक में फलोदी क्षेत्र में बरसों से शिक्षा की जोत जलाए रखी है।
कई योजनाओं में भागीदारी रखते हुए दूसरा दशक का समाज के विकास में बहुत बड़ा योगदान
है। इस अवसर पर नगरपालिका अध्यक्ष पन्नालाल व्यास, उपखंड अधिकारी डॉ. अर्चना व्यास,
कुंभसिंह पातावत, प्रकाश छंगाणी, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, जोधपुर भल्लूराम विश्नोई,
सीबीईओ नटवर नागल, सीआई राकेश खयालिया, श्रीगोपाल व्यास आदि उपस्थित थे।
अतिथियों के समक्ष अपनी बात रखते हुए दूसरा दशक में प्रशिक्षित वर्षा माली ने कहा कि यदि ओपन स्कूल से जुड़ कर मुझे फिर से पढ़ने का मौका नहीं मिलता तो मैं आज कॉलेज की शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाती। फिर से पढ़ाई शुरू करने से मैं आसाम में खेल कर आई और अभी राष्ट्रीय तैराकी प्रतियोगिता की तैयारी कर रही हूं। ओपन स्कूल से 15 से अधिक ड्राप आउट को जोड़ने वाली तथा अपनी ग्राम पंचायत की पहली स्नातक बशीरों ने कहा कि ओपन स्कूल की पढ़ाई शुरू करने मौका मिलने से कई ग्रामीण लड़कियों की शादी की उम्र भी बढ़ी है। शिक्षा के माध्यम से सामाजिक बदलाव की यह एक बड़ी उपलब्धि है।
इस अवसर पूजा भार्गव, धापू, रुखसाना, हवा,
हीरा आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन कंचन थानवी, प्रीति राठौड़
ने किया।