बाप न्यूज | नववर्ष व वासन्तिक नवरात्रि के साथ विश्व जल दिवस मरुधर फाउंडेशन की पहल पर गणगौर पूजन करने वाली बालिकाओं ने ली जल संरक्षण की शपथ ...
फाउंडेशन के फाउंडर सुरेश पालीवाल ने बताया कि संसार में स्त्री सृजन का पर्याय है और आज ही नववर्ष के दिन सृष्टि का उत्पति का दिन है,ओर का जन्म जल से ही हुआ है। जल ही जीवन है ओर इसी से समृद्धि और सौंदर्य भी है और अंततः जीवन भी इसी पर निर्भर है। हर तीज त्योहार के पीछे की मूल भावना उस आदि शक्ति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना ही होता है इसलिए अगर आज के दिन हम संकल्पित होकर जल संरक्षण का व्रत ले तो यह सुखद परिणाम देगा ओर जल संरक्षण के प्रति हमारे मन मे स्थायी भाव का निर्माण भी करेगा।
संयुक्त राष्ट्र संघ प्रतिवर्ष जल दिवस पर एक थीम तय करता है इस वर्ष की थीम जल और स्वच्छता को हल करने के लिए परिवर्तन में तेजी लाने से केंद्रित है। क्योंकि तेजी से घटते जल भंडारों को पुनः संरक्षित करने के किये परिवर्तन लाना हम सबका कर्तव्य है।
फाउंडेशन के जल संरक्षण शपथ की पहल पर लक्ष्मी माहेश्वरी ने भी अपना व्यक्तव्य दिया, लक्ष्मी ने कहा कि सनातन धर्म मे कहा जाता है समृद्धि की देवी सिन्धुजा का जन्म ही जल से हुआ है, अतः जल न हो तो अन्न,वृक्ष, फूल, औषधी का सारा जीवन वैभव लुप्त हो जाएगा। बहुत दुःखद है कि जलवायु परिवर्तन, बदली जीवनशैली और अनियंत्रित दोहन से जल स्तर के भंडार तेजी से कम हो रहे है, इसलिए हमें आज पर्वों के योग पर जल संरक्षण के व्रत को भी धारण करना चाहिए। इस अवसर पर दुर्गेश कुमावत, उर्वशी, नेहा, निशा, कोमल, पूजा, दिव्या, मानसी, प्रियंका, प्रियांशी, लक्ष्मी कोठारी, दिवयानी, मनाली, हर्षिता, मोनिका, गजल, गूंजन, महिमा, शिवांगी, भारती आदि उपस्थित थे।