बाप न्यूज | फलोदी क्षेत्र के विश्नोई समाज का समाज सुधार और जनजागृति सम्मेलन रविवार को धर्मनगरी जाम्बा में आथुणी जगह पर संतो की अगुवाही में ...
बाप न्यूज | फलोदी क्षेत्र के विश्नोई समाज का समाज सुधार और जनजागृति सम्मेलन रविवार को धर्मनगरी जाम्बा में आथुणी जगह पर संतो की अगुवाही में आयोजित हुआ। इस सम्मेलन में सामाजिक बुराईयो से जुड़े समस्याओ को जड़ से मिटाने का आह्वान किया गया। सम्मेलन में महंत भगवानदास, महन्त प्रेमदास, भागीरथदास शास्त्री आदि की उपस्थिति में विश्नोई समाज के सैकड़ो जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, युवाओं, महिलाओं व प्रबुद्ध नागरिकों ने समाज में व्याप्त कुरीतियों तथा बढ़ती हुई नशा प्रवृत्ति, बाल विवाह, मृत्युभोज की रोकथाम एवं बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने, पर्यावरण सरक्षण के लिए चिंतन व मनन किया। सम्मेलन में उक्त कुरूतियों के उन्मूलन को लेकर संकल्प लिए गये।
समाज सुधार और जनजागृति सम्मेलन में फलोदी क्षेत्र के बिश्नोई समाज के लोगों में सभी सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध एकता को देखने को मिली। पूरा समाज कुरीतियों को मिटाने के लिए संकल्पबद्ध दिखा। युवा व बुजुर्गो ने एक स्वर से सहमत होकर जागरूक रहने का निर्णय लिया। आईआरएस अशोक विश्नेाई ने कहा कि सम्मेलन युवाओं को सही रास्ते पर लाने के लिए और नशे को खत्म करने के लिए सद्भावी युवाओं की पहल थी।
पर्यावरण संरक्षण सेवक ओम प्रकाश कानासर, मोहनराम कालीराणा, हनुमानराम तेतरवाल, हेतराम सियाग, जगदीश मांजू, रमेश सियाग ने पर्यावरण संरक्षण प्रदर्शनी लगाकर ताम्बे के लोटों से जलपान करवाया। इस असवर पर बोलते हुए भारतीय प्रशासनिक अधिकारी अशोक गोदारा ने पर्यावरण सेवक ओम प्रकाश व उनकी टीम के द्वारा चलाये जा रहे नशा मुक्ति अभियान के लिए पीले चावल बांटने की विशेष सरहाना की तथा उनसे प्रेरणा लेने की अपील की।
सम्मेलन में यह लिए गए निर्णय
:- किसी भी सामाजिक समारोह में अफीम-डोडा अन्य नशे पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
:- मृत्यु होने के बाद तीसरे दिन तरह तरह के पकवानों के बजाय देसी घी का हलवा, चणा या दाल रोटी भोजन के रूप मे बनाया जाए।
:- मृत्यु के पश्चात 9 से 12 दिनों के बाद बैठक उठाई जाएगी तथा इस दौरान सोमवार की प्रथा बंद रहेगी।
:- किसी भी सामाजिक कार्यो में निमंत्रण या न्यौता देकर बुलाया जाता था, उसमें अफीम डोडा या अन्य किसी प्रकार के नशे की मनुहार पर पूर्णतया रोक रहेगी।
:- किसी भी सामाजिक कार्यक्रम या अन्य अवसरों पर सगियों को तीवल करने की प्रथा पर पूर्णतया प्रतिबंध रहेगाI
:- भात या मायरा एक बार ही भरा जाए, अगर किसी अन्य सामाजिक अवसर पर बहन बेटी को आर्थिक मदद की आवश्यकता है, तो सामाजिक दिखावा न करके निजी रूप से सहयोग किया जाए।
:- महिला शिक्षा पर ध्यान देते हुए बेटियों को ज्यादा से ज्यादा शिक्षित करावें।
:- बाल विवाह को हतोत्साहित किया जाएगा।