बाप न्यूज | बाप कस्बे में शुक्रवार को राठी परिवार द्वारा सामाजिक समरसता का बेहतरीन उदाहरण देते हुए हरिजन बस्ती के बाल्मीकि परिवार को आदर स...
पंडित ओमप्रकाश
जोशी ने बताया कि वाल्मीकि परिवार अपना हाथ का काम करने के बाद परिवार द्वारा दिया
भोजन घर ले जाकर परिवार के साथ ही भोजन करते है। वे किसी के घर भोजन नही करते ऐसी परम्परा है। मगर जो
व्यक्ति बाल्मीकि समाज बन्धु को अपने घर भोजन करवाना चाहता तो उसे वाकायदा घर जाकर
निमंत्रण देना होता है। उसके परिवार को गाजे, बाजे के साथ घर से लाना पड़ता है। भोजन
के बाद उन्हें उपहार देना होता है।
विहिप अध्यक्ष हीरालाल
पालीवाल ने इस आयोजन को सामाजिक समरसता का अनूठा उदाहरण बताया। पालीवाल ने कहा कि सनातनी
लोग छुआछूत को नही मानते। हमारी संस्कृति में छुआछूत नही थी। मुगलो के राज में यह भेद
हिन्दू समाज को कमजोर करने के लिए किया गया। आज भी कई संस्थाएं समाज में दूरियां बढाने
का काम कर रही है। हिन्दू समाज उनका विरोध कर रहा है। मर्यादा पुरषोत्तम भगवान श्रीराम
ने सबरी माता के घर झूठे बेर खाये। हिन्दू समाज को एक सूत्र में बांधने के लिए ये प्रयोग
समाज को तोड़ने वालों के मुंह पर तमाचा है। समाज संगठित रहकर एक दूसरे की मदद करे। इस
मौके पर सत्यनारायन भूतड़ा, गम्भीर चंद भैया, दामोदर मेहता, ओम राठी, भवरलाल राठी, मनोज लोहिया, गंगाविशन राठी,
भगवान दास, जितेंद्र, लक्ष्मण राठी, ज्ञानचंद चाण्डक, कैलाश, उमेश राठी आदि मौजूद रहे।