बाप न्यूज | खेती मे जहां सिचांई के संसाधन है, उस क्षेत्र में फसल के साथ-साथ खेती आय वृद्धि के लिए नवीन फलदार बगीचा स्थापित करना एक बेहतरीन ...
बाप न्यूज| खेती मे जहां सिचांई के संसाधन है, उस क्षेत्र में फसल के साथ-साथ खेती आय वृद्धि के लिए नवीन फलदार बगीचा स्थापित करना एक बेहतरीन विकल्प है। कृषि-उद्यानिकी विभाग में इसमे किसानों के लिए काफी सुविधाएं देय है, जिससे किसान लाभान्वित हो सकते है।
उपनिदेशक उद्यान
जोधपुर डाॅ. जीवनराम भाकर ने बताया की नवीन बगीचा स्थापित करने पर उद्यान विभाग द्वारा
किसान को अनुदान सहित अन्य कई प्रकार की सुविधाएं दी जाती है। वर्तमान में उपलब्ध सिचांई
जल का कुशलतम प्रयोग करते हुए किसान बूंद बूंद सिंचाई पद्धति को अपनाकर नवीन बगीचा
स्थापित कर सकता है। सिंचाई जल व खेत की मिट्टी की जांच करवा कर बागवानी खेती को अपनाया
जा सकता है। फसल के साथ -साथ बागवानी खेती का भी फायदा मिलता है। फलदार में नीबू, बेर
व अनार इत्यादि फलदार बगीचा स्थापित कर खेती में अच्छा लाभ भी प्राप्त किया जा सकता
हैं। इस प्रकार की खेती पर अनुदान मिलता है। बगीचे मे पौंधे से पौंधे व कतार से कतार
की एक निश्चित दुरी से पौधारोपण किया जाता है। जिससे फलदार खेती पनपने तक इनके मध्य
रिक्त भूमि मे अन्तराशस्य के रूप में अन्य खेती आसानी से की जाती है। जिले के ग्रामीण
क्षेत्र के किसानों ने सफल बगीचे भी स्थापित किये है। किसान यदि नवीन फलदार बगीचा को
स्थापित करना चाहते है तो इन योजना मे लाभान्वित हो सकते है। उन्होने बताया कि इसके
लिए दो प्रकार का आवेदन किया जाता हैं। जिसमे एक बगीचा स्थापित व दुसरा बूंद बूंद सिचांई
स्थापित के लिए। उद्यान विभाग में राज किसान पोर्टल पर आॅन लाइन रजिस्ट्रेशन किया जाता
है। खेती मे फसल, मशाला खेती के साथ-साथ बागवानी खेती भी खेती आय का एक अहम स्त्रोत
है। माह जुलाई, अगस्त व फरवरी में बगीचा स्थापित का उपयुक्त समय होता है।