बाप न्यूज | फलोदी उपखंड मुख्यालय पर सोमवार को पीसीसी सदस्य एवं कांग्रेस नेता महेश व्यास तथा एडीएम फलोदी शिवपाल जाट को डाॅ. अम्बेडकर मेमोरिय...
संघर्ष समिति संयोजक भूराराम दैय्या ने बताया कि खसरा
नंबर 1883 में डेढ बीघा भूमि पर दलित समुदाय का 35 वर्षों से कब्जा है। इस भूमि पर
दलित समुदाय के लोग डाॅ. अम्बेडकर जयंती एवं पुण्यतिथि, संवैधानिक गतिविधियां एवं जन-
जागृति के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करते है। डेढ बीघा भूमि डाॅ. अम्बेडकर मेमोरियल
सोसायटी बाप के नाम से आवंटित करवाने के लिये जिला कलक्टर जोधपुर कार्यालय में वर्ष-2009
से फाईल प्रक्रियाधीन है। पिछले दिनों इस कब्जा सुदा भूमि पर ग्राम पंचायत बाप की सरपंच
लीलादेवी पालीवाल ने राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत अम्बेडकर भवन बनाने के लिये भूमि का
प्रस्ताव भेजा। जिसके चलते राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन जोधपुर ने 19 बिस्वा भूमि
अम्बेडकर भवन के लिये आवंटित कर दी है, जो सरासर दलित समुदाय की भावनाओं पर कुठाराघात
है।
दलित समुदाय की भावनाओं के विपरित ग्राम पंचायत बाप द्वारा
सोसायटी के लिये आरक्षित भूमि को जानबूझकर अम्बेडकर भवन के लिये आवंटित करने से फलोदी
विधानसभा क्षेत्र के दलित समुदाय के लोगो में सरकार के प्रति भारी रोष व्याप्त है।
आगामी 2 जनवरी तक अम्बेडकर भवन के लिये आंवटित इस भूमि को निरस्त नही किया गया तो संघर्ष
समिति के बैनर तले दर्जनों नागरिक बाप से लेकर जिला मुख्यालय जोधपुर तक पैदल विरोध
मार्च निकालेगें या उप जिला कलक्टर कार्यालय बाप के आगे अनिश्चितकालीन धरना शुरू करेगें।
आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को वोट नही देने के लिये सम्पूर्ण विधानसभा
क्षेत्र में अभियान चलायेंगे। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होते हुये भी दलित समुदाय
के लिये 40 वर्षो से आरक्षित इस भूमि को छीना जा रहा है। दैय्या ने आवंटन के इस आदेश
को निरस्त कर अम्बेडकर भवन के लिये अन्य जगह पर जमीन आंवटन करने तथा यह डेढ बीमा भूमि
डाॅ. अम्बेडकर मेमोरियल सोसायटी बाप को आवंटित करने की मांग की है। ज्ञापन सौंपते समय
संघर्ष समिति के संयोजक भूराराम दैय्या, समता सैनिक दल बाप अध्यक्ष गणपत भाट, सामाजिक
न्याय केन्द्र फलोदी के सचिव अशोक कुमार मेघवाल, चंदन कुमार, श्रवण कुमार लीलड़, संतोष
कुमार लखन, पेमाराम भील, सोशल एक्टीविस्ट रामचंद्र पंवार, पुरखाराम पूनड़, ज्ञानाराम
पंवार, अशोक बांदड़ा, पेमाराम बारूपाल, रेवंतराम तंवर, मांगीलाल तंवर, ओमप्रकाश इणखिया,
गोपाल लीलड़ एवं लालचंद लोहिया आदि उपस्थित थे।