बाप न्यूज | पुलोजी साथरी रनीसर के महन्त जयसुखदास के देवलोक के बाद शुक्रवार को हवन पाल का आयोजन हुआ। पाल के अवसर पर बोलते जाम्बा अगुणी जगह क...
संत महन्त जयसुखदास 95 वर्ष की आयु में देवलोक हुए। उन्होंने पुलोजी महाराज के मंदिर निर्माण में महत्व पूर्ण योगदान दिया। पूरे भारत मे पुलोजी महाराज का एक मात्र मंदिर रनीसर में ही है। पुलोजी की जीवित समाधि बहुत चमत्कारी है। गुरुवार रात्रि जागरण के बाद शुक्रवार को हवन पाल में आचार्य भागीरथ दास जाजीवाल धोरा, संत कृरपाचार्य मोलीसर, सचिदानन्द लालासर साथरी, शास्त्री जुगतीराम, स्वामी बाल किशन, रघुवरदास, पुजारी शंकर दास, शिव दास, आनन्द प्रकाश, विवेकानन्द, पुलोजी ट्रस्ट अध्यक्ष पांचाराम मांजू, सचिव भजुराम खावा, सरपंच भंवरलाल खीचड़, हीरालाल बेनीवाल, रामुराम खावा, मालाराम सियाक़ फुलानी, बाप के पूर्व उप प्रधान जगदीश पालीवाल, गिरधारी हुडा आमला, ओम राठी, अखेराज खत्री, मांगीलाल सियाग, पपुराम गोदारा, मास्टर बाबूराम मांजू, बाबूराम गोदारा, बागराम मांजू, तेजाराम कालीराना आदि कई भक्त उपस्थित थे।