बाप. पशु जांच शिविर में जांच करते चिकित्सक।
बाप. पशु जांच शिविर में जांच करते चिकित्सक। |
सौर्य ऊर्जा कम्पनी
ऑफ़ राजस्थान लिमिटेड सीएसआर कंसल्टेंट मनोज व्यास ने बताया कि पशु पालन विभाग बाप के
नॉडल अधिकारी डॉ गजेंद्र सिंह राजपुरोहित के साथ मिलकर एक सामूहिक दल बनाया गया है।
जो बाप क्षेत्र के राणेरी, धोलिया, खेतुसर, सोनालपुरा, अमरे का बेरा, माडपुरा, मोडकिया
आदि गावों में सघन अभियान के माध्यम से देखा जा रहा है।
वायरल पीड़ित
400से अधिक गायों का किया उपचार
पशु रथ परियोजना
के डॉ चुनाराम तरड ने बताया कि गायों की चमड़ी में फोड़े–फुंसी (लम्पी नामक चमड़ी की बीमारी) हो जाती है एवं वायरल बुखार हो जाता है।
जिससे गायों में कमजोरी एवं दूध देना कम कर देती है। इस बीमारी से गायों की गम्भीर
स्थिति में मृत्यु हो जाती है। मोड़किया, माडपुरा एवं अमराबेरा में पशुपालकों से बातचीत
कर बीमारी का जायजा लिया गया एवं प्राथमिक लक्षण वाली गायों का इलाज किया गया। पशु
रथ परियोजना के समन्वयक रविशंकर ने बताया कि 400 से अधिक गायों का इलाज अब तक किया
जा चूका है, इसके साथ ही गांव के पशुपालकों को इस बीमारी के बचाव के तरीके बताये गये।
कैम्प में डॉ चुनाराम तरड एवं पशुधन सहायक
राकेश विश्नोई नोडल बाप से सरकारी पशुधन सहायक आंसूसिंह, पवन कुमार बेनीवाल एवं सोमराज
ने भाग लेकर और विशेष सेवाए दे रहे है। सौर्य ऊर्जा की पशु रथ परियोजना का संचालन सहज
संस्थान खीचन के द्वारा किया जा रहा है।
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