प्रतिदिन होने वाली जलापूर्ति हो रही दो दिन से कई मौहल्ले में सप्ताह में दो दिन वह भी कम प्रेशर से पहुंच रहा पानी अधिक रेवेन्यू देने वाला रेल...
- प्रतिदिन होने वाली जलापूर्ति हो रही दो दिन से
- कई मौहल्ले में सप्ताह में दो दिन वह भी कम प्रेशर से पहुंच रहा पानी
- अधिक रेवेन्यू देने वाला रेलवे भी प्यासा
बाप न्यूज़ | गर्मी बढ़ने के साथ ही पानी की मांग भी बढ गई। लेकिन अघोषित बिजली कटौति ने बाप कस्बे में पेयजल सकंट की खड़ी कर दी है। पर्याप्त बिजली नहीं मिलने की वजह से जलदाय विभाग की जलाूपर्ति बुरी तरह से प्रभावित हो गई है। पिछले 20 दिनो से प्रतिदिन होने वाली जलापूर्ति 36 से 72 घंटाे के अंतराल में हो रही है। कई मौहल्लो में तो पांच पांच दिनों से पानी नसीब हो रहा है। अधिक रेवेन्यू देने वाले रेलवे को भी पानी नसीब नहीं हो रहा है। यही नही जलापूर्ति करने का भी शेड्यूल भी गड़बड़ा गया है। कम दबाव से आधा पौन घंटा पानी दिया जा रहा है, जिससे लोग पीने का पर्याप्त पानी नहीं भर पा रहे है। जिससे ग्रामीण परेशान है।
बाप कस्बा 42 आरडी घटोर, कानासर बाप पेयजल योजना से जुड़ा हुआ है। 42 आरडी योजना के हैड वर्क्स से कस्बे में स्थित करीब 1100 केएल क्षमता के उच्च जलाशय को भरा जाता है। उसके बाद बाप कस्बा व बधाउड़ा तथा देगावडी में पानी सप्लाई किया जाता है। लेकिन अभी राज्य में बिजली संकट के चलते की जा रही अघोषित बिजली कटौति का असर जलापूर्ति पर पड़ने लगा है। 42 आरडी योजना का हैड वर्क्स भींवजी का गांव 33/11 केवी जीएसएस से जुड़ा हुआ है, जंहा से प्रतिदिन 5 से 6 घंटे तक बिजली कटौति हो रही है।
जलदाय विभाग के अनुसार बाप कस्बे में प्रतिदिन 800 केएल पानी की जरूरत है, लेकिन वे 1100 केएल तक की सप्लाई करते है। मगर पर्याप्त व निर्बाध बिजली नहीं मिलने की वजह से उच्च जलाशय भरा नहीं जा रहा है। जिस कारण पानी सप्लाई की व्यवस्था चरमराई गई है। हालात यह है कि करीब एक माह से 500 केएल भी पानी सप्लाई नहीं हो पा रहा है। उच्च जलाशय पूरा नहीं भरने की वजह से कस्बे में कम दबाव से पानी दिया जा रहा है। वह भी आधा पौन घंटे तक ही। इसके अलावा आधे से अधिक मौहल्ले में 2 से 3 दिनों में एक बार जलाूपर्ति हो रही है। जो मौहल्ले टेल पर आए हुए है, वंहा पानी तो पहुंच ही नहीं रहा। ढोलियो का बास में एक पखवाड़े से नल सूखे पड़े है। चौधरियों का बास, सुथारों का बास, बोहराे का बास, कुम्हारों का बास, भोमिया का थान क्षेत्र, श्रीयादे मंदिर, छताणियों का बास आदि में कम दबाव से 3 दिन में एक बार पानी पहुंच रहा है। कस्बे में जब भी जलाूपर्ति शुरू होती है, लोग पानी की जुगाड़ में निकल जाते है। अपनी आवश्यकता की पूर्ति पानी भरने के लिए महिलाएं व बच्चे मशक्कत करते नजर आते है।
रेलवे से विभाग को अधिक आय, फिर भी पानी को तरस रहा रेलवे
स्थानीय जलदाय विभाग को रेलवे से सर्वाधित आय होती है। लेकिन बिजली कटौति की वजह से जलदाय विभाग बाप रेलवे स्टेशन तक भी पर्याप्त पानी नहीं पहुंचा पा रहा है। बाप रेलवे स्टेशन पर 30 से अधिक आवासीय क्वार्टर है। तेलियो की ढाणी व बावरियों की ढाणी में भी लोग पानी को तरस रहे है। हालात यह है कि लोग भीषण गर्मी में बूंद बूंद पानी को तरस रहे है।
ग्रामीण मंगवा रहे पानी के टैंकर
गर्मी में जल संकट बढने से ग्रामीणों को टैंकरो से पानी मंगवाना पड़ रहा है। ऐसे में पानी सप्लाई करने वाले टैंकर वाले भी चांदी कूट रहे है। ग्रामीणों ने बताया कि वे प्रति टैंकर 500 से 700 रूपये प्रति दे रहे है। ऐसे में ग्रामीणों का प्रतिमाह 2 से 3 हजार रूपये का आर्थिक खर्च बढ़ गया है।
बिजली की कटौति के कारण जलापूर्ति प्रभावित हुई है। इस संबध में उच्चाधिकारियों काे अवगत कराया हुआ है। जल्द ही जलाूपर्ति सुचारू की जाएगी।गणपतसिंह अवाय, सहायक अभियंता जलदाय विभाग220 केवी जीएसएस से बिजली कटौति की जा रही है। आज उच्चाधिकारी द्वारा 220 केवी वालों को भींवजी का गांव 33/11 केवी जीएसएस की बिजली कटौति नहीं करने के लिए पत्र लिखा है। उम्मीद है आगामी दिनों में बिजली कटौति बंद हो जाएगी।राधेश्याम टाक, सहायक अभियंता, सब डिविजन जोधपुर डिस्काॅम।