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महिला मरीज की महिला कार्मिक करेगी ईसीजी, लेकिन बाप सीएचसी में एक भी महिला कार्मिक नहीं

प्रतियुक्तियां पर जो थी उन्हे वापिस भेजा मूल स्थान ऐसे में बाप सीएचसी में महिला मरीज की कैसे होगी ईसीजी ? बाप न्यूज़ |   चिकित्सा एवं स्वास्...



प्रतियुक्तियां पर जो थी उन्हे वापिस भेजा मूल स्थान
ऐसे में बाप सीएचसी में महिला मरीज की कैसे होगी ईसीजी ?

बाप न्यूज़ |  
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने हाल ही में एक आदेश जारी कर कहा कि सरकारी अस्पताल में महिला मरीजों की ईसीजी महिला कार्मिक ही करेगी। लेकिन दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे कई प्राथमिक व सीएचसी स्तर के अस्पताल है, जंहा महिला कार्मिक पदस्थापित ही नहीं है। ऐसे में वंहा आवश्यकता पड़ने पर महिला मरीज की ईसीजी कौन करेगा? यह यक्ष प्रश्न उबर कर हरेक के सामने आ रहा है। महिला कार्मिक के अभाव में सरकारी अस्पताल में महिला मरीजों को निशुल्क ईसीजी का फायदा नहीं मिल पाएगा। हालात यह होंगे कि महिला मरीज को बाहर से रूपये खर्च ईसीजी करवाने के लिए कोई चारा नहीं बचेगा। कुछ ऐसी ही तस्वीर बाप सीएचसी की बनी हुई है। बाप सीएचसी में एक भी महिला कार्मिक पदस्थापित नहीं है। कार्य व्यवस्था पर चार महिला नर्सिगकर्मियों को प्रतियुक्तियों पर लगाया हुआ था, लेकिन विभाग में प्रतियुक्तियां निरस्त होने पर उन्हे भी कुछ दिनो पहले मूल स्थान पर भेज दिया गया। इस स्थिति में कस्बे के इस सरकारी अस्पताल में महिला मरीज की ईसीजी नहीं हो पाएगी। सरकार ने ईसीसी की सुविधा भी मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजनार्तग श्रेणी ले रखी है। 
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने यह आदेश तीन दिन पहले 9 अप्रैल को जारी किये है। यह आदेश प्राथमिक स्तर से लेकर जिला स्तर के अस्तपालों के लिए है। जिसमें लिखा है कि महिला मरीज को ईसीजी महिला कार्मिकों द्वारा ही करवायी जाये। आदेश पत्र में पदस्थापित महिला कार्मिकों को ईसीजी करने की ट्रेनिंग दी जाकर महिलाओं को ईसीजी उनके द्वारा ही किये जाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया।
बाप सीएचसी में 8 नर्सिग जिसमें प्रथम ग्रेड के दो तथा द्वितीय ग्रेड के छ पद स्वीकृति है। इनमें एक प्रथम ग्रेड व दो द्वितीय ग्रेड नर्सिगकर्मी कार्यरत है। वो भी पुरूष कार्मिक है। इसके अलावा चार जीएनएम के पद स्वीकृति है जिसमें महज एक जीएनएम वह भी पुरूष कार्मिक कार्यरत है। शेष सभी पद रिक्त पड़े है। हांलाकि विभाग ने सीएचसी में मरीजों की संख्या को देखते हुए कार्य व्यवस्था पर आसपास के केंद्रो से चार महिला नर्सिगकर्मी लगा रखे थे, लेकिन विभाग ने मार्च माह में प्रतिनियुक्तियां निरस्त कर दी, जिस वजह से उक्त चारों महिला नर्सिगकर्मियों को वापिस मूल स्थान भेज दिया गया। अब 9 अप्रैल जारी हुए नये आदेश ने सीएचसी प्रशासन को पेशोपेश में डाल दिया है। हालात यह है कि सीएचसी ईचार्ज भी इस संबध में कुछ कहने की स्थिति में नहीं है। जिला स्तरीय अधिकारियों को उम्मीद है कि उक्त आदेश में कुछ संसोधन होगा। 

हर जगह महिला कार्मिको की उपस्थिति शत प्रतिशत नही है। इस संबध में राज्य स्तर से वापिस निर्देश प्राप्त करने की कोशिश की जा रही है कि उक्त आदेश को किस प्रकार लागू किया जाए। जो भी राज्य स्तर से निर्देश मिलेंगे उस अनुसार व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। 
डॉ. रामनिवास सेंवर, अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग जोधपुर (परिवार कल्याण)