बाप न्यूज : अखेराज खत्री | बाप कस्बे में इन दिनों महिलाओं के धार्मिक आस्था का प्रतिक गणगौर पर्व की रौनक है। होलिका दहन के दूसरे दिन से शु...
बाप न्यूज : अखेराज खत्री | बाप कस्बे में इन दिनों महिलाओं के धार्मिक आस्था का प्रतिक
गणगौर पर्व की रौनक है। होलिका दहन के दूसरे दिन से शुरू हुए गणगौर पर्व में कुंवारी
कन्याएं और विवाहिताएं पूजन इत्यादि में जुटी हुई है। कुंवारी कन्याएं और महिलाएं सुबह
फूल चुनने के बाद तालाब के पवित्र जल कलश में भर कर ईसर और गणगौर की पूजा करती है।
सुबह महिलाएं बगीचे में जाती है और दूब एकत्रित करती है। महिलाएं व कन्याएं निश्चित
स्थान पर एकत्रित होकर दो-दो का जोड़ा बनाकर गणगौर की पूजा करती है। बताया जाता है कि
कुंवारी कन्याएं अच्छे घर और वर की चाह में गणगौर का त्त्यौहार मनाती है। गणगौर मनाने
के प्रति कुंवारी कन्याओं की यह धारणा है कि उसे अच्छा पति मिले और अच्छा घराना मिले।
बुधवार को राजस्थान दिवस पर तीजणियाें ने पारंपारिक राजस्थानी वेशभूषा में सजधज कर
गणगौर माता की पूजा की। कोमल, कृष्णा, स्वेता, कनिष्का,
दिव्या, मानसी, उर्वसी, माही, आराध्या, वंशिका सहित अधिकांश महिलाओ व युवतियों ने राजस्थानी
लहंगा चुनरी पहनकर खुशी मनाई।
खोळ भराने की रस्म भी जारी -
गणगौर करने वाली महिलाएं व बालिका हर रोज
अपनी टोली के किसी घर मे जाकर गवर माता की खोळ भराई रस्म करती है, जिसमे गवर इसर की
पूजा होने के बाद आये सभी मेहमानों की आवभगत कर अल्पाहार करवाया जाता है। इस रस्म का
क्रम कई दिनों चलता है। बाप में गणगौर मेला 3अप्रैल को भरा जाएगा। इस दिन धूमधाम से
गवर इसर की सवारी निकाली जाएगी।