बाप न्यूज़ | सर्दी बढ़ने से पाला भी पड़ना शुरू हो गया है। पाला पड़ने से क्षेत्र में सोनामुखी की फसल जल कर नष्ट हो गई है। किसानों ने बताया कि श...
बाप न्यूज़ | सर्दी बढ़ने से पाला भी पड़ना शुरू हो गया है। पाला पड़ने से क्षेत्र में सोनामुखी की फसल जल कर नष्ट हो गई है। किसानों ने बताया कि शनिवार को खेत सोनामुखी से हरे भरे थे, लेकिन रात में पड़े पाले ने हरे खेतों को स्याह में बदल कर रख दिया।
जोधपुर जिले के कई गावो में औषधी फसल सोनामुखी की खेती का बहुतायत में की जाती है। पिछले 10 - 12 वर्षो से हजारो बीघा में किसान सोना मुखी की खेती करते है। प्रगतीशील किसान श्रवण खीचड़ ने बताया कि एक वर्ष में दो बार फसल देने वाली सोनामुखी से किसान मालामाल हो गया है। बाज़ार में भाव के बहुत उतार चढ़ाव के बाद भी यह फसल बिना खर्च पैदा हो रही है। मगर सर्दी के भारी प्रकोप से हजारो बीघा में खड़ी सोना मुखी की फसल इस बार जलकर नष्ट हो गई। खड़ी फसल जलने से किसानों के मुंह आया निवाला छिन गया। इस समय बाजार भाव 18 से 20 रु प्रति किलो है। खीचड़ ने बताया कि इस फसल को कोई पशु नुकसान नही पहुचाते। न ही अन्य कोई रोग इस फसल में लगता है। जिसके कारण ये बिना लागत कि खेती है। एक बार बोने के बाद 2 से 3 वर्ष तक फसल किसान लेता है। खीचड़ ने बताया कि विदेशों में चाय के स्थान पर इसके पत्ते काम लिए जाते है तथा पेट कि विभिन्न बीमारियों में भी इसके पत्ते की औषधी बनाकर उपयोग लिए जा रही है। इसलिए इसे औषधीय खेती कहते है। किसानों ने सरकार से ओषधी खेती को बीमा क्षेत्र में शामिल करने की मांग की है।