Page Nav

HIDE

Classic Header

Top Ad

Breaking News:

latest

जयपुर धरने में शामिल होगें फलोदी के विद्युत कर्मचारी नेता

बाप न्यूज़ : अशोक कुमार मेघवाल | प्रदेश के डिस्कॉमो में निजीकरण एवं राजनीतिक दुर्भावना से श्रमिक संगठनों कार्यकर्ताओ के तबादलों के साथ डिस्क...

बाप न्यूज़ : अशोक कुमार मेघवाल | प्रदेश के डिस्कॉमो में निजीकरण एवं राजनीतिक दुर्भावना से श्रमिक संगठनों कार्यकर्ताओ के तबादलों के साथ डिस्काॅम उच्चाधिकारियों की गलत नीतियों लेकर राजस्थान विद्युत श्रमिक (भामसं) महासंघ द्वारा विद्युत भवन पर 28 सूत्री मांगों को लेकर 5 निगमों के कर्मचारियों ने विद्युत भवन जयपुर पर क्रमिक अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया गया।
जिलाध्यक्ष करणसिंह राजपुरोहित 
मांगों को लेकर निर्णय नही होने से कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार एवं प्रशासन गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाये हुये है। जिसके कारण विद्युत कंपनियों का घाटा बढ रहा है एवं जनता महंगी बिजली की शिकार हो रही है। महासंघ ने अपनी मांगों को लेकर समय-समय पर सरकार एवं प्रशासन को अवगत करवाया गया है मगर सकारात्मक हल नहीं निकाला गया है। सरकार एवं विधुत प्रशासन संवेदनशील नही है जिसका खामियाजा आम जनता एवं कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है। इसलिए संगठन ने तय किया है कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती तब तक विद्युत भवन पर क्रमिक धरना जारी रहेगा। संगठन की प्रमुख मांगों में विद्युत निगमों में निजीकरण पर रोक लगाकर नई भर्ती करने, पांचों विद्युत कंपनियों का आपस में विलय करके एक विधुत मंडल बनाने, आईटीआई स्किल्ड तकनीकी कर्मचारियों का पदनाम परिवर्तन कर टाइम बाउंड योजना 3, 12, 21, 30 का वित्तीय लाभ नियुक्ति तिथि से देने,  सीनियर इंजीनियर सुपरवाइजर का पद स्वीकृत करने, विधुत कर्मचारियों को प्रतिमाह 200 यूनिट फ्री विधुत देने एवं हार्ड ड्यूटी भत्ता देने की मांगें प्रमुख है। संगठन के जिलाध्यक्ष करणसिंह राजपुरोहित ने बताया कि 5 अक्टूबर से क्रमिक अनशन शुरू किया गया। प्रत्येक जिले के पदाधिकारी 24 घंटे धरने तक बैठते है इसी क्रम में 8 अक्टूबर को जोधपुर जिले के पदाधिकारी धरने पर बैठेगें। फलोदी एवं विभिन्न क्षेत्रों से नेताराम माली, मुकेश ढाका, कैलाश विश्नोई, अरुण पंवार, सुरेंद्र पलसानिया, राजाराम, सहीराम विश्नोई तिंवरी, लाधुराम मथानियां, ओमपाल सिंह शेखावत लूनी, योगेंद्रसिंह सालावास, सुरेंद्रसिंह बापिणी एवं दिनेशचंद सालावास आदि धरने पर बैठेगें।