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10 परिवारों को दिये पट्‌टे, 22 खातेदरों का आपसी सहमति से हुआ बटवाड़ा

बाप न्यूज |  पंचायत समिति क्षेत्र की ग्राम पंचायत कानसिंह की सिड्ड में शुक्रवार को प्रशासन गांवों के संग अभियान 2021 के तहत शिविर आयोजित हु...

बाप न्यूजपंचायत समिति क्षेत्र की ग्राम पंचायत कानसिंह की सिड्ड में शुक्रवार को प्रशासन गांवों के संग अभियान 2021 के तहत शिविर आयोजित हुआ। शिविर में 10 परिवारों को आवासीय पट्टे दिये गए। कानसिंह की सिड्ड में आबादी भुमि में पुराने घरों, वर्ष 2003 से पूर्व के कब्जा धारकों व बीपीएल परिवारों से आवासीय पट्‌टो को लेकर 08 अक्टुबर को आयोजित प्री कैम्प में आवेदन प्राप्त हुए थे। शुक्रवार को ग्राम पंचायत में आयोजित शिविर में आवेदनकर्ता शिविर प्रभारी एसडीएम हरीसिंह देवल से मिले। जिस पर उन्होने सहायक शिविर प्रभारी विकास अधिकारी रमेश धनदे एवं ग्राम विकास अधिकारी देवीसिंह को प्री-कैम्प में प्राप्त आवेदनों के निस्तारण के निर्देश दिए।सभी 10 लाभार्थियों को आवासीय पट्टे हाथों हाथ शिविर में वितरित किए गए। उक्त लाभार्थी वर्ष 2003 से पूर्व के कब्जा धारक व बीपीएल परिवार की श्रेणी में आते है तथा पिछले 30 साल से ग्राम कानसिंह की सिड में निवास कर रहे है।

22 खातेदार का आपसी सहमति से हुआ बटवाड़ा

शुक्रवार को कानसिंह की सिड में आयोजित शिविर में नखतसिंह, खम्मा कंवर और उनका पुरा परिवार अपने कार्य की आशा लेकर शिविर में पहुंचे। इन्होंने शिविर प्रभारी एसडीएम हरीसिंह देवल के समक्ष अपनी पीड़ा बयां की। प्रभारी अधिकारी ने उनके दिये आवेदन पर तहसीलदार प्रतिज्ञा सोनी को उनके कार्य प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए।

तहसीलदार सोनी ने लाभार्थियों से खातेदारी कृषि भूमि का आपसी रजामंदी से किए गए भूमि बंटवाड़ा इकरारनामा प्राप्त कर जांच उपरान्त उनका बटवाड़ा इकरारनामा स्वीकार कर हल्का पटवारी को इसे राजस्व रिकाॅर्ड में अमलदरामद करने के आदेश दे दिये।

भूमि का आपसी सहमति से बटवाड़ा होने पर उन्होने बताया कि उनकी शामलाती भूमि में लगभग 22 खातेदारों के नाम पिछले 30 सालों से चल रहे थे। गुलाबसिंह, रामसिंह व शहीद औंकारसिंह आदि पूर्व में भारतीय सेना में अपनी सेवा देने के कारण तथा बजरंगसिंह वर्तमान में सेना में ड्यूटी के लिए आसाम में होने के कारण बटवाड़ा करवा नहीं पा रहे थे। शिविर की जानकारी मिलने पर बजरंगसिंह छुट्टी लेकर आए। सभी के नाम एक साथ होने के कारण भविष्य में कोई वाद विवाद न हो इसलिए सभी ने शिविर में आकर अपने अपने कब्जे व मौके पर बनी ढाणियों अनुसार आपसी सहमति से बंटवाड़ा करवा दिया।