जिला कलेक्टर के माध्यम से प्रधानमंत्री को भेजा ज्ञापन बाप न्यूज | भारतीय किसान संघ की अखिल भारतीय कार्य समिति के आह्वान पर देशव्यापी आंदोलन...
बाप न्यूज |
भारतीय किसान संघ की अखिल भारतीय कार्य समिति के आह्वान पर देशव्यापी आंदोलन के तहत बुधवार को जोधपुर जिला कलेक्ट्रेड के बाहर किसानों ने एकदिवसीय धरना- प्रदर्शन कर अतिरिक्त जिला कलेक्टर मदनलाल नेहरा को प्रधानमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपा गया। संगठन की ओर से प्रधानमंत्री को भेजे ज्ञापन में न्यूनतम समर्थन मूल्य के बजाय लागत आधारित लाभकारी मूल्य घोषित कर घोषित मूल्य किसानों को दिलाना सुनिश्चित करने हेतु कठोर कानून लाने की आवश्यकता बताई गई। जिसमें किसानों की फसलों के घोषित मूल्य से नीचे क्रय विक्रय को अपराध घोषित करने व लागत आधारित लाभकारी मूल्य गारंटी का कानून बनाने की मांग की गई।
संगठन की अखिल भारतीय इकाई द्वारा 11 अगस्त को प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा था जिसमें लागत आधारित लाभकारी मूल्य दिलाने हेतु सरकार की ओर से सकारात्मक कदम उठाने हेतु 31 अगस्त तक का समय दिया था लेकिन तय समयावधि में सरकार ने कोई जवाब नही दिया ऐसे में संगठन ने 8 सितम्बर को देशव्यापी आंदोलन का आह्वान किया था। भारतीय किसान संघ के जिला मंत्री मेघाराम तरड़ ने बताया कि संगठन की ओर से सौंपे गए ज्ञापन में केंद्र सरकार को 10 दिन का समय दिया गया है जिसमे सरकार किसानों की मांग पर कार्यवाही करने को राजी हो या सरकार बताए कि हमारी मांग क्यो गलत है।
अगर 10 दिन में सरकार कोई सकारात्मक प्रयास नही करती है तो अखिल भारतीय इकाई द्वारा आगे की रणनीति बनाकर आंदोलन के विस्तार का निर्णय लेगी। धरने में संभाग प्रांत महिला प्रमुख विमला सियाग, संभाग महिला प्रमुख सुमन चौधरी, डेयरी प्रमुख गायडराम ढाका, संभाग सदस्य मालाराम सियाग, जिला संरक्षक गोरधनराम सियाग, जैविक प्रमुख लालाराम डूडी, सह मंत्री ओमाराम सांखला, तहसील अध्यक्ष बिलाड़ा तुलछाराम राठौड़, मंडोर प्रभुराम कच्छवाह, पीपाड़ चुनाराम भादू, डांगियावास कोजाराम भींचर, बापिणी बाबुसिंह, मंत्री खुशाल गोदारा, तिंवरी उपाध्यक्ष दिलीप सिंह, पपुसिंह मणाई, रजासनी सरपंच प्रतिनिधि जेठाराम नोकिया, बाबुराम हुड्डा, ओमप्रकाश परिहार, मगराज छंगाणी, रघवीर सुथार, भोपालसिंह राजपुरोहित, धनाराम चबराल, मदन सारण सहित प्रमुख पदाधिकारी व सैकड़ो किसान उपस्थित रहे।
भाकिसं लंबे समय से लाभकारी मूल्य की कर रहा मांग
एकदिवसीय सांकेतिक धरने को सबोधित करते हुए संगठन के संभाग सह मंत्री ओमप्रकाश विश्नोई बताया कि भाकिसं लंबे समय से लाभकारी मूल्य गारंटी की मांग कर रहा है। इसके लिए 2013 में दिल्ली के रामलीला मैदान की लाखों किसानों के साथ किसान रैली का आयोजन हो या 10 अप्रैल 2017 को जंतर मंतर पर देश के सभी प्रान्तों के संगठन प्रतिनिधियों द्वारा किये गया सांकेतिक प्रदर्शन शामिल है।
प्रांत कार्यालय प्रमुख नत्थाराम रिणवा ने धरने में संबोधन के दौरान बताया कि संगठन द्वारा किसानों की इसी मांग को लेकर 2017 में 600 से अधिक लोकसभा व राज्यसभा सांसदों को किसानों को लागत आधारित लाभकारी मूल्य की मांग को लेकर उनके क्षेत्र में ज्ञापन सौंपे गए थे वही जून 2017 में राजस्थान में प्रदेश व्यापी आंदोलन की भी घोषित मूल्य से नीचे फसल क्रय विक्रय को अपराध की श्रेणी में लाने की मुख्य मांग थी। इसी क्रम में संगठन की प्रांन्त इकाई द्वारा राजस्थान उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल कर मंडियो में सरकार द्वारा तय मूल्य से नीचे नीलामी-बोली को प्रतिबंधित कर उससे ऊपर बोली शुरू करने की मांग रखी है।
लागत से नीचे फसल बिक्री से किसानों को करोड़ो का नुकसान
इस दौरान पूर्व जिला मंत्री व प्रांत प्रचार प्रमुख तुलछाराम सिंवर ने बताया कि किसानों की फसलें लागत से नीचे बिकने से रबी 2019-20 व खरीफ 2020 के एक वर्ष के दरमियान ही किसानों को 18 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो गया था वही कृषि अनुसंधान परिषद व अंतरराष्ट्रीय कृषि सहयोग संगठन की रिपोर्ट अनुसार वर्ष 2000 से 2015 के बीच फसल उत्पादन लागत नही मिलने से देश के किसानों को 45 लाख करोड़ का नुकसान हो गया था।
ऐसे में किसानों को कर्ज के बोझ में दबने व आत्महत्या से बचाने हेतु लागत आधारित लाभकारी मूल्य दिलाना सुनिश्चित करना ही एक मात्र उपाय है और यह तभी संभव है जब सरकार इसके लिए कठोर कानून बनाकर लागत आधारित लाभकारी मूल्य की गारंटी दे। इस दौरान राष्ट्रीय जैविक प्रमुख रतनलाल डागा ने किसानों को जैविक कृषि अपना कर फसल उत्पादन लागत को नियंत्रित करने जैसे उपाय करके खेती को लाभकारी बनाने के प्रयास में लगने का आह्वान किया।