बाप न्यूज़ | खजूर की खेती के लिए उद्यान विभाग द्वारा किसानों को उन्नत उद्यानिकी की तकनीकी जानकारी देने के लिए 10 अगस्त को संगोष्ठी आयोजित ह...
बाप न्यूज़ | खजूर की खेती के लिए उद्यान विभाग द्वारा किसानों को उन्नत उद्यानिकी की तकनीकी जानकारी देने के लिए 10 अगस्त को संगोष्ठी आयोजित होगी। उद्यान खंड जोधपुर के संयुक्त निदेशक इन्द्रसिंह संचेती ने बताया की राज्य मे 388 हेक्टर में खजूर की खेती का नये बगीचे लगाने का लक्ष्य है। अरब का खजूर इजराइल पद्धति से अब थार के रेगिस्तान में भी आसानी से फल-फूल रहा है।
पश्चिमी राजस्थान की जलवायु खजूर की खेती के लिए उपयुक्त है। इसलिए उत्तक संवर्धित तकनीक एवं ऑफशूट तकनीक से स्थानीय जलवायु की परिस्थितियों में अच्छा उत्पादन दे रही हैं। जलवायु उपयुक्त होने के कारण अब प्रदेश के किसानों को खजूर के उद्यान लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। खरीफ व रबी ऑफ सीजन से खजूर किसानों की आय का जरिया बना हुआ है।
रबी की फसल मार्च में पकने के बाद जुलाई तक खेतों में सन्नाटा रहता है। लेकिन किसान खजूर की पैदावार कर ऑफ सीजन मई व जून में भी आय ले सकता है। टिश्यूकल्चर का पौधा 4 वर्ष बाद खजुर का उत्पादन देने लगता है। शुरुआती वर्ष में लगभग 40 किलो प्रति पौधा खजुर उत्पादन होता है। 3 साल बाद यह उत्पादन 80 से 100 किलोग्राम प्रति पौधा पहुंच जाता है।
संचेती
ने बताया कि खजूर उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उद्यान विभाग जोधपुर द्वारा 10 अगस्त
मंगलवार को ऐसे कृषक जिनके पहले से खजूर का बगीचा लगाया हुआ है तथा जो नया बगीचा स्थापित
करना चाहते है। उन सभी किसानों को आत्मा बैठक हॉल, पावटा जोधपुर मे सुबह 11 बजे प्रशिक्षण
दिया जाएगा। बैठक में ऑफ सूट के माध्यम से पौधों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए
खजूर आॅफसूट बेचने वाले व खजूर ऑफ सूट खरीदने वाले किसानों का आपस में परिचय कराया
जाएगा। बैठक में जोधपुर, अजमेर एवं नागौर जिले के कृषक भाग लेंगे।