कानासर चौराहे के निकट बने पक्के आवास, जिसे ग्रामीणों ने अतिक्रमण बता की शिकायत।
कानासर चौराहे के निकट बने पक्के आवास, जिसे ग्रामीणों ने अतिक्रमण बता की शिकायत। |
उपखंड कार्यालय से महज 500 मीटर दूर है कानासर चौराहा, ग्रामीणों ने की एसडीएम से शिकायत
बाप न्यूज | उपखंड कार्यालय से करीब 500 मीटर दूर स्थित कानासर चौराहे पर खसरा नंबर 639 में बेशकीमती जमीन पर अतिक्रमण की बाढ़ आ गई है। प्रशासन द्वारा ध्यान नहीं देने की वजह से अतिक्रमी बेखौफ पक्के आलीशान भवनों का सहित दुकानों का निर्माण करा लिया है। ग्रामीणों ने उपखंड अधिकारी महावीरसिंह को इस संबध में ज्ञापन सौंप अतिक्रमण हटाने की मांग उठाई है।
कांग्रेस ओबीसी बाप ब्लॉक अध्यक्ष नारायण कुमावत, घनश्याम, अशोक कुमावत, प्रकाश कुमार, रमेश भील, प्रकाश आदि ने उपखंड अधिकारी सिंह को ज्ञापन देकर बताया कि बाप कस्बे में कानासर चौराहे के निकट सरकारी खसरा नंबर 639 में अवैध रूप से 5 बीघा भूमि पर अतिक्रमण कर करोड़ो रूपये के राजस्व को नुकसान पहुंचाया गया है।
अतिक्रमियों द्वारा उक्त खसरा में दो मंजिला मकान, दुकाने आदि बनाकर कब्जा कर लिया है। ज्ञापन में लिखा कि अतिक्रमियों के हौंसले इतने बुलंद है कि सरकारी भूमि पर कब्जा करने के बाद दुकानों के प्लॉट काट आगे लाखें रूपये में बेचान तक किये जा रहे है। ज्ञापन में लिखा कि करीब चार साल पहले तत्कालिक एसडीएम सुमित्रा पारिक द्वारा उक्त खसरे में किये जा रहे अवैध निर्माण को रूकवाने के बाद वंहा सकारी संपति का बोर्ड भी लगा दिया था। लेकिन कुछ समय बाद अतिक्रमियों ने उसे हटा दिया। फिर धीरे धीरे अतिक्रमण करते गए। ग्रामीणों ने रोष जताते हुए कहा कि राजस्थान सरकार के आदेश राजस्व (ग्रुप -6) विभाग के क्रमांक प. 3 (35) राज-6/2020/ 27.01.2020 के तहत सरकारी भूमि व रास्तों पर तुंरत प्रभाव से अतिक्रमण हटाने के आदेश जारी किये थे। लेकिन प्रशासन की
शिथिलता के चलते अतिक्रमण हटाये नहीं जा रहे है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्रभावशाली लोगों की शह के कारण प्रशासन कार्यवाही तक नहीं कर पा रहा है। ज्ञापन में सुझाव देते हुए लिखा कि उक्त जमीन सरकारी विभागों के लिए भी उपयुक्त है। क्योंकि हाइवे व उसके आसपास होने के कारण सरकारी विभाग आसानी से यहां बन सकते है।
ग्रामीणों ने खसरा नंबर 639 में अतिक्रमण होने की शिकायत की है। तहसीलदार को आवश्यक जाचं कर कार्यवाही करने के निर्देश दिये है।
महावीरसिंह, उपखंड अधिकारी बाप।