पीएमकेएसवाई योजना मे किसान करे ऑनलाइन आवेदन आवेदन की अंतिम तिथि 15 अगस्त, 50 से 70 फीसदी मिलेगा अनुदान बाप न्यूज़ | बूंद बूंद व फव्वारा सिंचा...
- पीएमकेएसवाई योजना मे किसान करे ऑनलाइन आवेदन
- आवेदन की अंतिम तिथि 15 अगस्त, 50 से 70 फीसदी मिलेगा अनुदान
बाप न्यूज़ | बूंद बूंद व फव्वारा सिंचाई पद्धति खेती में बहुपयोगी साबित होने के साथ जल बचत भी करती है। जिले में बहुत सारे किसान दोनो सिंचाई पद्धति अपनाकर अच्छी खेती करने के साथ जल की बचत भी कर रहे है। किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार भी कई योजनाएं संचालित कर रही है। समय पर जानकारी मिलने पर किसान उनका समुचित लाभ उठा सकते है। उद्यानिकी योजनाओं में बागवानी, बूंद बूंद सिचांई, फव्वारा में किसानों को अभी 50 से 70 फीसदी तक अनुदान दिया जा रहा है। किसान प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) का लाभ लेने के लिए 15 अगस्त तक ऑन लाइन आवेदन कर सकते है।
संयुक्त निदेशक उद्यान जोधपुर इन्द्रसिंह संचेती ने बताया कि पीएमकेएसवाई योजना में सूक्ष्म सिचांई कार्य, बूंद बूंद सिचांई पद्धति, फव्वारा, मिनि स्प्रिंकलर, रेनगन पर अनुदान देय है। उक्त योजनाओं में लाभ लेने के लिए किसान राजकिसान साथी पोर्टल पर नियमानुसार ऑनलाइन आवेदन 15 अगस्त तक कर सकते है।
किसानों को यह मिलेेगा अनुदान
फव्वारा व मिनी फव्वारा सिंचाई से 40 प्रतिशत एवं बूंद बूंद सिचांई पद्धति से 75 प्रतिशत जल की बचत होती हैं। बूंद बूंद सिचांई में लघु-सीमान्त कृषक श्रेणी के अन्तगर्त किसानों को 70 प्रतिशत सामान्य श्रेणी के किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान देय है। इसी प्रकार फव्वारा संयंत्र के लिए लघु-सीमान्त कृषकों को 60 प्रतिशत व सामान्य किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान देय है।
उपनिदेशक उद्यान जोधपुर जयनारायण स्वामी ने बताया कि इच्छुक किसान पीएमकेएसवाई योजना में फव्वारा सिचांई पद्धति का आवेदन करने के लिए भूमि दस्तावेज में जमाबंदी, गिरदावरी, खसरा नक्सा, जनआधार व आधारकार्ड, पासपोर्ट साइज एक फोटो, सिचांई का स्त्रोत एवं बिजली बिल, विभिन्न सिचांई संयत्र क्रय किया जाने वाले डिलर से कोटेशन व मिनी स्प्रिंकलर, ड्रिप के लिए मिट्टी-जल की परीक्षण रिपोर्ट, तकनीकी आर्थिक रिपोर्ट सहित ई-मित्र के माध्यम से अथवा यह आवेदन किसान स्वयं भी अपनी एसएसओ आईडी का उपयोग करते हुए राज किसान साथी पोर्टल पर मोबाइल के माध्यम से भी कर सकते है। ऑनलाइन आवेदन पर योजना का लाभ पहले आओं पहलें पाओ के आधार पर दिया जाएगा।
कृषि पर्यवेक्षक रफीक अहमद कुरैशी ने बताया कि राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना में बेर ,नीबू तथा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में खजूर की बागवानी खेतीं में किसान लाभान्वित हो सकते है। किसान खेत की मिट्टी व सिचांई जल का परीक्षण करवा कर नवीन बगीचा स्थापित कर सकता है। सिंचाई जल बचत के लिए बूंद बूंद सिंचाई एवं फव्वारा संयत्र को प्राथमिकता दी जाएगी। सिचांई में नवीनतम संसाधनों के उपयोग से सिचांई क्षेत्र मे वृद्धि की जा सकती हैं।