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कोरोना वैक्सीन व दवाइयां पेटेंट मुक्त करें : स्वदेशी जागरण मंच

कंप्यूटर जगत के बिल गेट्स द्वारा भारत एवं अन्य विकाशील राष्ट्रों को टीकाे के निर्माण में स्वीकृति देने से मना करने की बात का स्वदेशी जागरण म...

कंप्यूटर जगत के बिल गेट्स द्वारा भारत एवं अन्य विकाशील राष्ट्रों को टीकाे के निर्माण में स्वीकृति देने से मना करने की बात का स्वदेशी जागरण मंच किया पुरजोर विरोध

बाप न्यूज़ :  कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे देश को अपनी चपेट में ले रखा है। जोधपुर जिले में भी इस महामारी के चलते हलात बेहद खराब है। चिकित्सालयों में वेंटिलेटर खाली नहीं है। लोग चिकित्सालय के बाहर अथवा अपने घर पर तड़प रहे हैं। इस महामारी मैं काम ली जा रही दवाई भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हो पा रही है।

जिन लोगों के टीकाकरण हो गया है, उनमें इस बीमारी का खतरा कम दिखाई दे रहा है। ऐसे में प्रत्येक को टीका लगवाना होगा। यह जीवन बचाने के लिए अत्यंत आवश्यक है। सरकार ने जिस प्रकार आनन-फानन में 18 से 44 वर्ष की आयु वालों के लिए टीकाकरण शुरू किया है, वह समुचित टीकों की अनुपलब्धता के कारण कारगर नजर नहीं आ रहा है। इस कारण यह केवल एक दिखावा बनकर रह गया है। ऐसे में टीको का उत्पादन बढ़ाना ही एकमात्र उपाय है।

स्वदेशी जागरण मंच के जिला सह संयोजक प्रेम पालीवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि मंच द्वारा कंप्यूटर की दुनिया के बादशाह तथा वर्तमान में वैक्सीन की दुनिया में बिल मिलिंडा गेट फाउंडेशन के माध्यम से अपना वर्चस्व स्थापित कर लेने वाले बिल गेट्स ने सामाजिक सरोकार के नाम पर इस कोरोना टीकाकरण अभियान में विश्व के विभिन्न देशों में अपना हस्तक्षेप किया है। हाल ही मीडिया में छपे समाचारों के माध्यम से जो जानकारी प्राप्त हुई, जिसमें बिलगेट द्वारा भारत एवं अन्य विकासशील राष्ट्रों को टीको के निर्माण की स्वीकृति देने से मना करने की बात कही है। जिसका स्वदेशी जागरण मंच ने पुरजोर विरोध किया है। यह इस सदी की विभत्स महामारी के समय में भी कॉरपोरेट लालच की एक और अभिव्यक्ति है। 

कोरोना महामारी में इलाज के लिए काम ली जा रही रेमेडीसवीर, टॉसिलिजूमाब व फेवीपवीर आदि दवाइयों के साथ-साथ कोरोना वैक्सीन की कीमतों में सीलिंग जैसे उपायों को लागू करने की तत्काल आवश्यकता है। राज्य सरकार की खरीद और निजी अस्पतालों के लिए घोषित वैक्सीन की कीमत भी इनकी कुल आवश्यकता को देखते हुए बहुत ज्यादा है।

और इससे देश में टीकाकरण की गति भी धीमी होगी। खासकर महामारी के दौरान दवाओं और टीको में अनैतिक मुनाफा सभी परिस्थितियों में अनुचित है।

पेटेंट सुरक्षा इन दवाओं के सामान्य उत्पादन के लिए प्रमुख बाधा है। सरकार को पेटेंट अधिनियम में महामारी के समय को देखते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा उपायों का उपयोग करना चाहिए। आने वाले दिनों में और अधिक कंपनियों को अनिवार्य लाइसेंस के माध्यम से इन दवाओं के उत्पादन की अनुमति देनी चाहिए। कुछ कंपनियों की बजाए तकनीकी क्षमताओं के साथ अधिक फार्मा कंपनियों के लिए व्यापक रूप से वैक्सीन उत्पादन लाइसेंस जारी करने की आवश्यकता है। अमेरिका, रुस व चीन में उत्पादित वैक्सीन के पेटेंट में छूट मिलनी चाहिए। इन देशों द्वारा मदद के नाम पर भेजी जा रही वैक्सीन के साथ  पेटेंट छूट भी देनी चाहिए, जिससे कि भारत जैसे विकासशील राष्ट्रों के योग्यता धारी छोटे-छोटे फार्मा कंपनियां भी इन वैक्सीन का निर्माण कर सकें।

मंच के जिला सह संयोजक प्रेम पालीवाल ने बताया कि स्वदेशी जागरण मंच कोरोना महामारी के टीके व दवाइयों के विकासशील राष्ट्रों में निर्माण के लिए पेटेंट में छूट दिए जाने के लिए मांग कर रहा है। इस विषय पर सोशल मीडिया एवं अन्य माध्यमों से जन जागरण किया जा रहा है। मंच पूरे जिले से 2000 से अधिक ईमेल डब्ल्यूटीओ में भेज कर इस मांग को उठाएगा।

मंच ने आम जन से भी इस मुद्दे को सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से विश्व पटल एवम केंद्र व राज्य सरकारों तक पहुंचने के लिए आगे आने का आह्वान किया है।