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मृत्युभोज, गंगा स्नान एवं मूंडन कार्यक्रम नही करके दिया वैज्ञानिक सोच का संदेश

बाप न्यूज : अशोक कुमार मेघवाल |  फलोदी विधानसभा क्षेत्र की सबसे दूरस्थ एवं दुर्गम ग्राम पंचायत चाखू के वरिष्ठ समाज सेवी हेमाराम मेघवाल के नि...


बाप न्यूज : अशोक कुमार मेघवाल | फलोदी विधानसभा क्षेत्र की सबसे दूरस्थ एवं दुर्गम ग्राम पंचायत चाखू के वरिष्ठ समाज सेवी हेमाराम मेघवाल के निधन के बाद उनके पुत्रों ने गंगास्नान, मूंडन एवं मृत्युभोज जैसी गैर जरूरी और अवैज्ञानिक परंपराओं को तोड़ते हुये समाज को चेतनाशील करने की दिशा में गंभीर पहल की है। उल्लेखनीय है कि इस क्षेत्र में हेमजी मकवाना के नाम से कोई अपरिचित नही था। पिछले करीब दो साल से बीमार चल रहे हेमजी मकवाना ने 80 वर्ष की उम्र में 30 अप्रेल को चाखू गांव से पांच किलोमीटर दूर अपनी ढाणी में अंतिम सांस ली। उनके निधन पर मकवाना परिवार को हजारों की संख्या में संवेदना संदेश विभिन्न माध्यमों से प्राप्त हुये।

हेमाराम मकवाना के पुत्र एडवोकेट किशन मेघवाल ने बताया कि हमारा परिवार पहले से ही यह मानता रहा है कि सामाजिक कुरीतियां समाज को दीमक की तरह चाटकर खोखला कर रही है। इसलिये गैर जरूरी और अवैज्ञानिक परम्पराओं को त्यागने का साहस हमें जुटाना पड़ेगा और इसकी शुरूआत अपने घर से ही करनी पड़ेगी। 

उनके पुत्र भैराराम  मकवाना एवं अर्जुन मकवाना ने बताया कि मृत्युभोज तो पूर्ण रूप से गैरकानूनी तो है ही और इसके साथ ही यह अनैतिक भी है। हमारा परिवार शिक्षा के क्षेत्र में अपनी जिम्मेदारी को और अधिक मजबूत करते हुये पिताजी की स्मृति में शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देते हुये क्षैत्र के गरीब बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में ठोस कदम उठायेगा। 

उल्लेखनीय है कि हेमाराम मकवाना के परिवार के काफी सदस्य सार्वजनिक जीवन में अपना -अपना योगदान दे रहे है। उनके पुत्र किशन मेघवाल राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर में अधिवक्ता एवं सीपीआईएम के जिला सचिव तथा डीएसएमएम के प्रदेश संयोजक है एवं उनके पुत्र भैराराम मकवाणा कांग्रेस पार्टी में वरिष्ठ उपाध्यक्ष है तथा  फलोदी में वकालत कर रहे है। 

भैराराम मकवाना की पत्नी श्रीमती दुर्गा मेघवाल ग्राम पंचायत चाखू की सरपंच रह चुकी है। हेमाराम के पुत्र अर्जुन मकवाना भी शिक्षा के क्षैत्र से जुड़े हुये है। वे शहीद ए आजम भगतसिंह पब्लिक स्कूल के माध्यम से बेहतरीन परिणाम दे रहे है। इनकी स्कूल से प्रति वर्ष 2-3 बच्चे जवाहर नवोदय विद्यालय में चयनित होते है। इसके अलावा वो अखिल भारतीय किसान सभा सहित विभिन्न जनवादी संगठनों में सक्रिय भूमिका निभा रहे है। उनके अन्य पुत्र छगनलाल मकवाना, कानाराम मकवाना और नारायणराम मकवाना कृषि कार्य कर रहे है। हेमाराम मकवाना के देहांत के बाद मकवाना परिवार ने गंभीर पहल करते हुये सभी तरह की कुरीतियों का त्याग करते हुये दस दिन में ही कपड़े बदलने का फैसला किया तथा इसी कड़ी में परिवार के सदस्यों ने मात्र पाग बदलने की औपचारिक रस्म निभाई।