डॉ. भरत सोनी ने बताया कि च्यवनप्राश, सितोपलादी चूर्ण और गिलोय घन वटी लेने से शरीर में रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने के साथ-साथ कोरोना से बचाव और कोरोना से संक्रमित फेफड़ो को स्वस्थ करने में सहायक है। बार-बार खांसी और कफ के जमाव को तोड़ने के लिये सर्वोत्तम औषधि है। च्यवनप्राश एवं सितोपलादी चूर्ण की गुणवत्ता, उनके निर्माण में प्रयुक्त हुये द्रव्यो पर निर्भर करती है। अच्छे सितोपलादी चूर्ण का निर्माण घर पर किया जा सकता है। दाल चीनी 1 भाग, इलायची 2 भाग, पीपल छोटी 3 भाग, वंशलोचन 4 भाग, मिश्री 8 भाग इन सभी द्रव्यो को कूट पीस कर एक बर्तन में भर देवें। सोनी ने बताया कि आयुर्वेदिक दवा को लेने से पहले आयुर्वेद चिकित्सक से परामर्श जरूर लेवें। इस दौरान लैब टेक्निशियन हिमांशु आसदेव, कमल किशोर, प्रेमराज, फार्मासिस्ट भरत, गोविंदराम, कम्प्यूटर ऑपरेटर त्रिभुवन, हाथीसिंह दिनेश कुमार आदि उपस्थित थे।