बाप न्यूज़ : अशोक कुमार मेघवाल | दूसरा दशक के तत्वावधान में विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस के अवसर पर वर्चुअल परिचर्चा आयोजित की गई। परिचर्चा...
बाप न्यूज़ : अशोक कुमार मेघवाल | दूसरा दशक के तत्वावधान में विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस के अवसर पर वर्चुअल परिचर्चा आयोजित की गई। परिचर्चा में माहवारी से सम्बंधित समस्यायें, समाधान, माहवारी एवं सामाजिक सोच तथा माहवारी के बारें में जागरूकता की जरूरत आदि मुद्दों पर चर्चा की गई। परिचर्चा में जयपुर फर्टिलिटी एवं रिसर्च सेंटर में कार्यरत महिला रोग विशेषज्ञ डॉ.ऋचा की उपस्थिति में महिलाओं एवं किशोरियों ने माहवारी के दौरान आने वाली समस्याओं के बारे में चर्चा की।
डाॅ. ऋचा ने बताया कि पुराने समय में माहवारी के दौरान 3 दिन का आराम करवाते थे, क्योंकि माहवारी के दौरान आराम करना स्वास्थ्य के लिये आवश्यक होता है। उन्होंने कहा कि माहवारी के दौरान महिलाओं एवं किशोरियों को आराम एवं स्वच्छता के बारे में ध्यान रखना चाहिये। सेनेट्री नेपकिन को अधिकतम 4 से 6 घंटे के बाद बदल लेना चाहिये जिससे संक्रमण का खतरा नही हो। संभागियों ने माहवारी के दौरान रक्तस्राव अनियमित रहना, खून के थक्के आना, माहवारी के जाने के समय थकान, चिड़चिड़ापन आदि के बारे में चर्चा की।
बाप की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हेमासिंह ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में कुछ महिलायें आज भी पुराने ताबीज एवं रखड़ी आदि करवाकर बीमारी के ठीक हो जाने का इंतजार करती है। डॉ. ऋचा ने कहा कि किसी भी प्रकार की समस्या की अधिक समय तक अनदेखी नही करनी चाहिये। परिचर्चा में संभागियों ने इस बात को रेखांकित किया कि सामान्यतया पुरुषों को महिलाओं की इन समस्याओं के बारे में जानकारी नही होती। जानकारी के अभाव में पुरुष वर्ग परिवार में इन मुद्दों पर खुलकर चर्चा नही करता है जिसका बुरा प्रभाव महिलाओं के स्वास्थ्य पर पड़ता है। परिचर्चा की संभागी महिलाओं ने निर्णय किया कि भविष्य में महिला स्वास्थ्य से जुड़ी परिचर्चाओं में पुरुषों को भी जोड़ने की शुरुआत की जायेगी। परिचर्चा में प्रीति राठौड़, कंचन थानवी, पूजा भार्गव, शैलजा व्यास, अमरु चौधरी, आरती, बशिरों, दीपा व्यास आदि ने सहभागिता निभाई।