ग्रामीणों का आरोप - सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में रहने के बाद भी किराया भत्ता उठा सरकारी राशि का भी किया जा रहा दुरूपयोग ग्रामीणों की शिकायत प...
- ग्रामीणों का आरोप - सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में रहने के बाद भी किराया भत्ता उठा सरकारी राशि का भी किया जा रहा दुरूपयोग
- ग्रामीणों की शिकायत पर बीसीएमओ ने दिये स्वास्थ्य केंद्र खाली करने के निर्देश
बाप न्यूज़ ◆ खिदरत गांव स्थित राउमावि में कार्यरत प्रधानाचार्य करीब 34 माह से एक उप स्वास्थ्य केंद्र में अपना डेरा जमाये हुए है। ग्रामीणो ने इस संबध में पूर्व में भी कई बार शिकायते की, लेकिन अधिकारियों ने इसे गंभीरता नहीं लिया। गुरूवार को फिर शिकायत हुई तो बीसीएमओ ने तत्काल स्वास्थ्य केंद्र खाली करवाने के निर्देश संबधित एएनएम को दे दिये है।
ग्रामीणों ने गुरूवार को जिला प्रशासन सहित शिक्षा विभाग व चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को अलग अलग ज्ञापन भेजे है। ग्रामीणों ने बताया कि खिदरत गांव में संचालित राउमावि के प्रधानाचार्य नगेंद्रसिंह गंाव में बने उप स्वास्थ्य केंद्र के सरकारी आवास में निवास कर रहे है। प्रधानाचार्य नगेंद्रसिंह ने जुलाई 2018 में राउमावि खिदरत में प्रधानाचार्य का पदभार ग्रहण किया था। नियुक्ति तिथि से आज तक निरंतर प्रधानाचार्य स्वास्थ्य केंद्र खिदरत के सरकारी आवास में निवास कर रहे है। ग्रामीणों ने बताया कि प्रधानाचार्य सरकारी आवास में निवास करने के बाद भी अनुचित तरीके से हर माह मकान किराया भत्ता भी उठा रहे है। जो कि सरकारी विभागीय नियमों की अवहेलना है। ग्रामीणों ने मामले की तथ्यात्मक जांच कर प्रधानाचार्य के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही करते हुए अनुचित तरीके से उठाये गए किराया भत्ता की राशि की रिकवरी करने की मांग की है।
दबी जुबान से एएनएम कर रही स्वीकार
मामला सामने आने पर उक्त उप स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत एएनएम नसीम फातिमा से बात की तो वे भी खुलकर बताने की बजाय दबी जुबान से यह स्वीकार रही है। एएनएम ने बताया कि वे दो तीन दिन से फेमिली लेकर आए है। तीन सालो से रहने के बारे में पूछा तो बताया कि गांव वालो ने ही उन्हे रखा था। रहते थे चले जाते थे। आज बीसीएमओ सर का फोन आया था। उन्हे स्वास्थ्य केंद्र खाली करने को कहा दिया है।
ग्रामीणों की शिकायत आई थी। वंहा नियुक्त एएनएम नसीम फातिमा से बात की तो बताया कि दो तीन दिन से फैमिली सहित रह रहे है। एएनएम को स्वास्थ्य केंद्र खाली करवाने को कह दिया है।
डॉ. दाऊलाल चौहान, बीसीएमओ बाप।