बाप न्यूज | कस्बा स्थित मेघराजसर तालाब में अगर कोई डूब जाए तो उसे बचाने के लिए यहां आवश्यक संसाधन नहीं है। ऐसी स्थिति में कई बार डूबने वाले...
बाप न्यूज | कस्बा स्थित मेघराजसर तालाब में अगर कोई डूब जाए तो उसे बचाने के लिए यहां आवश्यक संसाधन नहीं है। ऐसी स्थिति में कई बार डूबने वाले की जान चली जाती है। तालाब में जब कभी दुर्घटना घटती है तब आवश्यक संसाधनों की मांग उठती है, लेकिन उसके बाद उस पर कोई गौर नहीं करता है। हांलाकि पंचायत ने तालाब पर जगह जगह पर साइन बोर्ड लगाकर गोताखोरो के नाम व मोबाइल नंबर लिख रखे है, ताकि आपातकाल की स्थिति में उन्हे बुलाया जा सके। इसके साथ अगर तालाब पर वायु से भरा ट्यूब, मजबूत रस्से, छोटी नाव, हुक सहित अन्य आवश्यक संसाधन हो रेस्क्यू कार्य तेजी से व सुरक्षित ढंग से किया जा सकता है। इन्ही संसाधनों की कमी को देखते हुए आईएफडब्ल्यूजे जिला उपाध्यक्ष व समाज सेवी राकेश शर्मा ने उक्त संसाधनों को उपलब्ध करवाने को लेकर उपखंड प्रशासन व स्थानीय पंचायत से मांग की है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी एक मुहिम चलाई जा रही है।
ऐतिहासिक मेघराजसर तालाब जिले
के सबसे बड़े तालाबों में शुमार है। तालाब पर आज भी दर्जनों गांव निर्भर है। इसके अलावा
तालाब पर भैरव मंदिर, शिव मंदिर, हनुमान मंदिर, सती माता की प्रतिमाएं आदि यह आस्था
का केंद्र भी है। धार्मिक स्थल होने की वजह से श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है।
श्रद्धालु मंदिर में दर्शन करने के बाद वे तालाब का भ्रमण भी करते है। इसके अलावा कस्बे
के बच्चे, युवा व अन्य बाहरी लोग तालाब पर सुबह शाम भ्रमण करने आते रहते है। इस दौरान
कभी अनहोनी भी हो जाती है।