बाप इलाके में शुक्रवार सुबह तक होती रही रूक रूक बारिश, ईसबगोल की फसल में हुआ खराबा बाप न्यूज़ | गुरूवार दोपहर बाद आंधी व बूंदाबादी का शुरू ह...
बाप इलाके में शुक्रवार सुबह तक होती रही रूक रूक बारिश, ईसबगोल की फसल में हुआ खराबा
बाप न्यूज़ | गुरूवार दोपहर बाद आंधी व बूंदाबादी का शुरू हुआ दौर शुक्रवार सुबह तक जारी था। रात में कई गांवो में रूक रूक कर बरसात होती रही। इस दौरान तेज हवाएं भी चलती रही। धोलिया क्षेत्र में आंधी से विद्युत पाल भी गिरे है। बाप कस्बे में सुबह 9 बजे 20 मिनट तक बारिश हुई। इसके अलावा खिदरत व करणीनगर सहित आसपास के गांवो में हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश हुई है। बेमौसम की बारिश से खेतो में पकी कर खड़ी फसलों को नुकसान पहंुचा है। किसानाें ने बताया कि जहां जंहा बरसात हुई वंहा इसबगोल की फसल नष्ट हो गई है। जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है।
बीमा कंपनी की शिकायत को लेकर तहसीलदार से मिले किसान
बरसात या अन्य प्राकृतिक आपदा से फसल खराबे की सूचना किसान को 48 से 72 घंटे में बीमा कंपनी को देनी होती है। जिससे बीमित फसल का मुआवजा किसान को मिल सके। बीती रात फसल खराब होने के बाद किसान संबधित बीमा कंपनी के दिये टाेल नंबर पर कॉल कर रहे है, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। किसानों का आरोप है कि बीमा कंपनी बहाने बनाकर किसानों का टरका रही है। शुक्रवार दोपहर कई किसान यहां तहसीलदार से मिले। किसानों ने तहसीलदार को दिये ज्ञापन में लिखा कि बीती रात बेमौसम की बरसात से खिदरत, करणीनगर में खेतो में खड़ी फसलें में नुकसान हुआ है। किसानो ने फसलों का बीमा करवा रखा है, जिसका प्रीमियम बैंक के माध्यम से बीमा कंपनी को जमा करवाया हुआ है। उनके क्षेत्र में फसल का बीमा फ्यूचर जनरल इंश्यारेंस कंपनी द्वारा किया गया है। उक्त कंपनी के टोल फ्री नंबर 18002664141 पर कॉल करने पर इंश्योरेंस कंपनी द्वारा बीमा आवेदन क्रमांक मांगे जा रहे है, जो किसानों के पास उपलब्ध नहीं है। किसानों नें बताया कि इससे पूर्व केवल किसान का नाम, केसीसी नंबर, आधार नंबर, पटवार हल्का क्षेत्र तथा खसरा नबंर ही मांगे जाते थे। लेकिन अब बीमा आवेदन क्रमांक मांग कर किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। किसी किसान के बाद बीमा आवेदन क्रमांक नहीं है। ऐसे में बैमौसम की बरसात से खराब हुई फसल का बीमा कैसे मिलेगा। ज्ञापन में फ्यूचर जनरल इंश्योरेंस कंपनी को किसानो की फसल खराबे की शिकायत दर्ज करने के लिए पाबंद करने की मांग की गई। इस दौरान श्रवणराम खीचड़, बाबुराम, प्रतापाराम, धुड़ाराम आदि मौजुद थे।