Bap News : कस्बा स्थित माहेश्वरी भवन में रविवार शाम 7.30 बजे हुई स्थानीय व्यापार संगठन की बैठक में व्यापार संगठन की कार्यकारिणी का गठन नहीं हो सका। अध्यक्ष को लेकर हुए हंगामे की वजह से दुकानदार बैठक के एजेंटे के अन्य बिंदूओं पर चर्चा तक नहीं कर पाए। आखिर बैठक दो घंटे बाद बिना नतीजा समाप्त हो गई।
बैठक में हुए हंगामे से दुकानदारों के संगठन में दरार पड़ सकती है। जिस वजह से पिछले साढ़े चार सालों से प्रतिमाह की 28 तारीख का बंद भी स्थगित हो सकता है। बैठक शुरू होते ही उप सरपंच गोपाल भट्ठड़ ने बैठक में होने वाली चर्चाओं के बिंदूओं को रखने के साथ दुकानदारो के संगठन को ओर मजबूत करने पर जोर दिया। प्रतिमाह 28 तारीख के बंद में कुछ दुकाने खुली रहती है, उसका भी विरोध हुआ। बैठक में दुकानदारो ने कहा कि दूध व मेडिकल को छोड़ शेष सभी को बंद में सभी शामिल करे। इस बीच कुछ दुकानदारों ने कहा कि पहले कार्यकारिणी का गठन करें, फिर दूसरी बात करे। इसके बाद अध्यक्ष को लेकर शुरू हुई चर्चा हंगामेें में बदल गई। बैठक में आधा दर्जन अध्यक्ष दावेदारों के नाम सामने आए। लेकिन सभी को दूसरे अध्यक्ष दावेदारो के समर्थकों ने विरोध किया। बैठक में वरिष्ठ व्यापारी भी मौजुद थे, लेकिन वे चुपी साधे रहे। हांलाकि गंभीरचंद भैय्या, पूनमचंद पालीवाल ने कुछ वरिष्ठजनों के नाम अध्यक्ष के लिए सुझाए, मगर सहमति नहीं बनी।
अध्यक्ष को लेकर दुकानदारो में आपसी विरोधाभाष के स्वर भी उठने लगे। ऐसे में इस महिने की 28 को बाजार खुला भी रह सकता है। साढ़े चार सालों से चल रहा मासिक बाजार बंद अब खुल सकता है। दो घंटे चली बेनतीजा बैठक में यातायात व्यवस्था व मुख्य बाजार में सुलभ शौंचालय, बाजार में सीसीटीवी कैमरे लगवाना, बाजार व बस स्टेंड पर रात में चाैकीदार की व्यवस्था करना आदि प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा नहीं हो सकी। बैठक में तिलोकचंद राठी, टीकमचंद पालीवाल, हरीराम राठी, मेघराज साद, ज्ञानचंद दर्जी, महेश पालीवल, हीरालाल पालीवाल, जेठमल राठी, अमृतलाल मुंधा, ओमप्रकाश खत्री, हरिश प्रजापत, राजेंद्र तंवर, जयगोपाल राठी, कमल भूतडा सहित सभी छोटे बड़े दुकानदार मौजुद थे।