सीएसआर के तहत भवन व बांउड्री वॉल निर्माण करवाने के लिए सरपंच ने कलेक्टर को लिखा पत्र Bap News : कस्बे में संचालित राजकीय बालिका उमा विद्या...
सीएसआर के तहत भवन व बांउड्री वॉल निर्माण करवाने के लिए सरपंच ने कलेक्टर को लिखा पत्र
Bap News : कस्बे में संचालित राजकीय बालिका उमा विद्यालय को पुरानी तहसील भवन में स्थानांतरित करवाने की कवायद सरपंच लीलोदवी पालीवाल ने फिर शुरू की है।
सरपंच पालीवाल ने जिला कलेक्टर को पत्र लिख कर सीएसआर के तहत खाली पड़ी पुरानी उप तहसील भवन में राजकीय बालिका उमावि बाप को स्थानांतरित करने के लिए भवन एवं बाउंड्री वॉल का निर्माण के लिए राशि स्वीकृति कराने की मांग है। सरपंच पालीवाल ने बताया कि इसके लिए 15 अक्टुबर 2020 को हुई ग्राम सभा में उक्त प्रस्ताव लेकर अनुमाेदन भी कर दिया।
बालिका विद्यालय वर्तमान में बस स्टेंड पर संचालित हो रहा है। बस स्टेंड पर भीड़ भाड़ व शोरगुल के चलते बालिकाओं के अध्ययन कार्य प्रभावित हो रहा है। इसके अलावा बालिकाएं भीड़भाड़ में से होकर स्कूल अाने जाने में काफी असहज महसूस करती है। बालिकाओं की पीड़ा काे देखते हुए वर्तमान सरपंच लीलादेवी पालीवाल के पति पूर्व उप प्रधान जगदीश पालीवाल लंबे समय से विद्यालय को स्थानातंरण करवाने की लड़ाई लड़ रहे है। कुछ वर्षो पहले बालिकाओं ने भी हस्ताक्षर अभियान चलाया था। इन्ही के प्रयासो के फलस्वरूप राजस्थान सरकार के राजस्व विभाग के पत्र क्रमांक राजस्व (ग्रुप-2) विभाग पं 7 (7) राज /2/2005 जयपुर दिनांक 4 फरवरी 2013 में बालिका उमावि को पुराने उप तहसील भवन में स्थानांतरित करने की स्वीकृति प्रदान की गई थी। शिक्षा विभाग द्वारा भी नये स्थान पर भवन निर्माण की अनिवार्यता की शर्त पर स्थानांतरण की स्वीकृति प्रदान की गई थी। बाप उपखंड अधिकारी ने भी अपने कार्यालय पत्र क्रमांक / रीडर /2014 /1023-25 दिनांक 07 /05 /14 के द्वारा भी विकास अधिकारी पंचायत समिति बाप एवं ग्राम पंचायत बाप को भी निर्देशित किया गया था, कि कस्बे वासियों की भावना एवं बालिका शिक्षा की सुविधा के मद्देनजर उक्त स्थानांतरण किया जाना समयोचित एवं व्यवहारिक है।
पूर्व उप सरपंच पालीवाल ने बताया कि उक्त आदेश में विकास अधिकारी एवं ग्राम पंचायत को अपने स्तर पर संबधित योजनाओं व नागरिकों के स्वैच्छिक सहयोग से पुराने उप तहसील भवन परिसर में बालिका विद्यालय के लिए भवन बनवाया जाने के आदेश जारी किये थे। मगर पूर्व ग्राम पंचायत के कार्यकाल में रूची नहीं लेने के कारण इस प्रकरण में कोई प्रगति आज तक नहीं हो पाई। यही कारण है कि बालिक शिक्षा को सुदृढ एवं संबल बनाने की राज्य सरकार की महत्वाकांशी योजना का पूर्ण लाभ मिलना प्रतीत नहीं हो पा रहा है।