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दलितों एवं महिलाओं के खिलाफ उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं पर रोष व्यक्त

Bap News : अशोक कुमार मेघवाल, फलोदी फलोदी उपखंड मुख्यालय पर गुरूवार को दलित शोषण मुक्ति मंच के देशव्यापी आह्वान पर देश भर में दलितों एवं महि...

Bap News : अशोक कुमार मेघवाल, फलोदी

फलोदी उपखंड मुख्यालय पर गुरूवार को दलित शोषण मुक्ति मंच के देशव्यापी आह्वान पर देश भर में दलितों एवं महिलाओं के खिलाफ बढती जुल्म की घटनाओं पर अंकुश लगाने तथा आरोपियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने की मांग को लेकर  विरोध प्रदर्शन कर राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन फलोदी तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा गया। 

डीएसएमएम की प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि देश भर में शासन के संरक्षण में दलितों और महिलाओं के खिलाफ बढती जुल्म की घटनाओं ने अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में हमारी साख को बट्टा लगाया है इसलिये अविलंब इस प्रकार की घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाया जाये। डीएसएमएम द्वारा दिये गये ज्ञापन में उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में हुआ सामुहिक बलात्कार कांड, हरियाणा में घटित निकिता हत्याकांड का जिक्र करते हुये बताया कि ये घटनाएं इस बात की गवाही देती है कि अपराधियों में कानून का कोई डर नही बचा है वे खुलेआम इस तरह की अमानवीय घटनाओं को अंजाम दे रहे है, इन घटनाओं को अंजाम देने वाले आरोपियों को सजा दिलाने के लिये सरकार कड़े कदम उठाये। हाथरस गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद उत्तर प्रदेश सरकार का असंवेदनशील और अमानवीय चेहरा दुनिया के सामने आया है,आधी रात को मृतका को जला दिया गया और उसके बाद मीडिया के साथ जो सलूक हुआ इससे साबित हो चुका है कि उत्तर प्रदेश सरकार तानाशाही से आवाम की आवाज को दबा रही है, इसलिये ऐसी सरकार को भंग किया जाना चाहिये। सत्ता के संरक्षण में देश भर में सोशल मीडिया पर दलितों और अल्पसंख्यकों के प्रति नफरत फ़ैलाने का षड़यंत्र तेज हुआ है, इसे प्रभावी ढंग से नही रोका गया तो आने समय में खतरनाक परिणाम सामने आयेगें। 
दलित उत्पीड़न की घटनाओं में कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान भी बराबर टक्कर दे रहा है। इसलिये राजस्थान सरकार को पाबंद करे कि राज्य में दलितों और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो। राजस्थान में दलित जुल्म की घटनाएं आम है। प्रशासन इसे गंभीरता से नही लेता है, पश्चिमी राजस्थान के 80 प्रतिशत गांवों में आज भी नाइयों द्वारा किसी भी दलित व्यक्ति के बाल नही काटे जाते है। राजस्थान में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि किसी मामूली सी बात पर किसी भी दलित व्यक्ति को बांध कर पीटते है फिर वीडियो बनाकर वायरल कर भय का वातावरण निर्मित करते है जिसकी इजाजत सभ्य समाज में नही दी जा सकती है। 
करणू का कुख्यात पेचकश कांड, पोकरण में गिरधारीराम भील द्वारा आत्मदाह करने की घटना, बालेसर के सुवालिया गांव में नाई द्वारा बाल नहीं काटने के बाद हुई रिपोर्ट से गुस्साए लोगो द्वारा पूरे क्षेत्र में जातीय जहर घोलने की नियत से सोशल मीडिया पर चलाया गया घृणित अभियान, सांचौर में दलित बच्चों की निर्ममता से पिटाई कर वीडियो वायरल करना, अलवर में मजदूरी मांगने पर जिंदा जलाकर मारने की घटना हो, इन अनगिनत और बेलगाम घटनाओं ने यह साबित कर दिया है कि सामंती संस्कार केवल सत्ता बदलने के नही बदलते है। ज्ञापन में मांग की गई है कि उत्तरप्रदेश और राजस्थान सहित पूरे देश में जहां भी दलितों और महिलाओं के खिलाफ बढते जुल्मों को प्रभावी ढंग से रोका जाये एवं ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वालों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की ठोस कार्यनीति पर अमल किया जाये। प्रर्दशन के दौरान श्रमिक नेता जयगोपाल, डीएसएमएम के संयोजक गोपाल चौहान, पूर्व अध्यक्ष नटवर मेघवाल, अखिल भारतीय किसान सभा फलोदी तहसील संयोजक हनुमान परिहार, एसएफआई अध्यक्ष सुनिल कुमार मेघवाल, सवाईराम, खेताराम कडेला, शंकरलाल, महेंद्र परिहार, गिरधारी, नारायणराम सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।