Bap News : अशोक कुमार मेघवाल फलोदी कस्बे के गणमान्य नागरिकों एवं विभिन्न जन संगठनों के पदाधिकारियों ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की अवमानना...
फलोदी कस्बे के गणमान्य नागरिकों एवं विभिन्न जन संगठनों के पदाधिकारियों ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई का सामना कर रहे उच्चतम न्यायालय दिल्ली के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं सोशल एक्टिविस्ट प्रशांत भूषण के समर्थन में देश के राष्ट्रपति एवं सुप्रीम कोर्ट दिल्ली के चीफ
जस्टिस को पत्र भेजकर अवमानना की कार्रवाई को रोकने की मांग करते हुये उनके द्वारा उठाये गये सवालों पर गहनता से विचार करने की मांग की है ताकि देश की न्यायपालिका में नागरिकों का भरोसा और ज्यादा मजबूत हो।
बार एसोसिएशन फलोदी के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट श्रीगोपाल व्यास, मानवाधिकार कार्यकर्ता एडवोकेट गोरधन जयपाल, एडवोकेट अब्दुल मजीद खिलजी, सामाजिक न्याय केंद्र फलोदी के प्रभारी अशोक कुमार मेघवाल, समता सैनिक दल के अध्यक्ष चंदन कुमार, एसएफआई के अध्यक्ष सुनील कुमार, अखिल भारतीय किसान सभा के संयोजक अनोप मेघवाल, सीटू के अध्यक्ष जयगोपाल मेघवाल, शिक्षक नेता रेंवतलाल लीलावत, कर्मचारी नेता अल्लानूर खोखर, एडवोकेट मुकेश कुमार माली, सोशल एक्टिविस्ट इब्राहिम खिलजी आदि ने संयुक्त हस्ताक्षरित पत्र में कहा है कि लोकतंत्रिक प्रक्रिया में विचारों की अभिव्यक्ति एवं स्वस्थ आलोचना किसी भी संस्थान को मजबूत बनाती है ना कि कमजोर।
सुप्रीम कोर्ट इस मामलें में गहराई से अवलोकन करे तो ऐसी बहुत सी बातें सामने आयेगी जिसे सुप्रीम कोर्ट के जज भी पूर्व में उठा चुके है। सुप्रीम कोर्ट के चार तत्कालीन जजो ने भी सुप्रीम कोर्ट की आंतरिक व्यवस्था पर पिछले साल दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस की थी।उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं सोशल एक्टिविस्ट प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट के जजों के खिलाफ सोशल मीडिया पर ट्विट कर कई सवाल खड़े किये थे जिसके चलते वे सुप्रीम कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई का सामना कर रहे है। अवमानना की इस कार्रवाई पर गुरूवार को सुप्रीम कोर्ट में अंतिम सुनवाई होगी।वरिष्ठ अधिवक्ता भूषण के पक्ष में अब एक दर्जनों सेवानिवृत्त जजों सहित 3 हजार से ज्यादा बड़ी हस्तियां समर्थन जाहिर कर चुकी है।
वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण |
बार एसोसिएशन फलोदी के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट श्रीगोपाल व्यास, मानवाधिकार कार्यकर्ता एडवोकेट गोरधन जयपाल, एडवोकेट अब्दुल मजीद खिलजी, सामाजिक न्याय केंद्र फलोदी के प्रभारी अशोक कुमार मेघवाल, समता सैनिक दल के अध्यक्ष चंदन कुमार, एसएफआई के अध्यक्ष सुनील कुमार, अखिल भारतीय किसान सभा के संयोजक अनोप मेघवाल, सीटू के अध्यक्ष जयगोपाल मेघवाल, शिक्षक नेता रेंवतलाल लीलावत, कर्मचारी नेता अल्लानूर खोखर, एडवोकेट मुकेश कुमार माली, सोशल एक्टिविस्ट इब्राहिम खिलजी आदि ने संयुक्त हस्ताक्षरित पत्र में कहा है कि लोकतंत्रिक प्रक्रिया में विचारों की अभिव्यक्ति एवं स्वस्थ आलोचना किसी भी संस्थान को मजबूत बनाती है ना कि कमजोर।
सुप्रीम कोर्ट इस मामलें में गहराई से अवलोकन करे तो ऐसी बहुत सी बातें सामने आयेगी जिसे सुप्रीम कोर्ट के जज भी पूर्व में उठा चुके है। सुप्रीम कोर्ट के चार तत्कालीन जजो ने भी सुप्रीम कोर्ट की आंतरिक व्यवस्था पर पिछले साल दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस की थी।उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं सोशल एक्टिविस्ट प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट के जजों के खिलाफ सोशल मीडिया पर ट्विट कर कई सवाल खड़े किये थे जिसके चलते वे सुप्रीम कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई का सामना कर रहे है। अवमानना की इस कार्रवाई पर गुरूवार को सुप्रीम कोर्ट में अंतिम सुनवाई होगी।वरिष्ठ अधिवक्ता भूषण के पक्ष में अब एक दर्जनों सेवानिवृत्त जजों सहित 3 हजार से ज्यादा बड़ी हस्तियां समर्थन जाहिर कर चुकी है।