बडीसिड्ड के किसान भुगतान के लिए भटक रहे, भुगतान दिलाने की उपखंड अधिकारी से भी लगाई गुहार
Bap News : जिले में 1 मई से समर्थन मूल्य पर चने व सरसो की खरीद आरम्भ हुई थी, जो 29 जुलाई तक होनी थी। लेकिन 29 जून को ही खरीद बंद कर दी। अब इससे पहले ही खरीद हो चुकी फसल की विक्रय पर्ची देने के बजाय किसानों को फसल वापस ले जाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
बाप खरीद केंद्र पर प्रदर्शन करते किसान |
राजफैड द्वारा जिले में उत्पादित फसल में से 25 प्रतिशत फसल खरीद का लक्ष्य तय कर विभिन्न खरीद केंद्रों पर पंजीयन सीमा अनुसार फसल खरीद के लिए ऑनलाइन पंजीयन किये थे। पंजीयन के अनुसार किसानों को मोबाइल पर संदेश भेज कर फसल खरीद हेतु बुलाया जा रहा था। उसी प्रक्रिया में बाप, देचू, बावड़ी व ओसियां केंद्रों पर किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीद हुई। लेकिन उन्हें ऑनलाइन विक्रय पर्ची नही देकर खरीद के केंद्रों के चक्कर लगाने को मजबूर किया जा रहा है। एक माह पहले की खरीद लेकिन विक्रय पर्ची नही की जारी बाप खरीद केंद्र पर 11 जून 19 जून को समर्थन मूल्य पर फसल खरीद कर अंगुलियों के निशान घिसे होने की वजह से बायोमेट्रिक आधार सत्यापन नही हो पाया। जिस पर ओटीपी विकल्प से ऑनलाइन विक्रय पर्ची देने का प्रावधान के चलते उन्हें पहले तो जल्दी ही विक्रय पर्ची देने का आश्वासन मिलता रहा, लेकिन एक माह बाद अचानक खरीद केंद्र से खरीद कोटा पूरा हो जाने का हवाला देते हुए फसल वापस ले जाने के लिए किसानों को सूचना दी गई। जिससे किसानों के पैरों तले से जमीन खिसक गई।
खुले में पड़ा चना, जिसे वापिस ले जाने का कहा जा रहा |
एक माह बाद किसान फसल को वापस लेने को तैयार नही है, तथा भुगतान की मांग को लेकर लगातार खरीद केंद्र व अधिकारियों के चक्कर लगा रहे है। गुरुवार को भारतीय किसान संघ जिला अध्यक्ष नरेश व्यास, जिला कार्यकारिणी सदस्य महेश के पालीवाल, तहसील अध्यक्ष हनुमान अमराणी, ओमप्रकाश पालीवाल, मधुसुदन दर्जी, किशनलाल पालीवाल सहित अन्य प्रतिनिधियों ने बाप खरीद केंद्र पर पहुंच कर वस्तुस्थिति की जानकारी लेने के बाद जिला कलेक्टर को ज्ञापन भेज कर उन्हे अवगत करवाया है।
ट्रेक्टर में भरकर वापिस ले जाया रहा चना |
1 > मेरी चने की फसल 11 जून को तुलाई हो गई थी। उस समय मशीन में अंगूठा निशान नही आया था। ऐसे हाथ का फ़ोटो लेकर जयपुर भेजने व वहां से ओटीपी आने पर विक्रय पर्ची देने की बात कही थी। अब विक्रय पर्ची देने के बजाय फसल वापस ले जाने का बोल रहे है। जब पंजीयन करवाया था 4200 रुपये में चना बिक रहा था। अब कोई 3800 देने को तैयार नही है। हमें फसल का भुगतान चाहिए।खेताराम/खेराजरामटोकन - 1920089
2 > मेरे मां के नाम का टोकन था। 19 जून को मेरी चने की फसल की तुलाई हो गई थी, लेकिन अंगुली का निशान नही आया। ऐसे में विक्रय पर्ची बाद में देने को कहा, लेकिन एक माह बाद भी मुझे विक्रय पर्ची नही मिली है। जिससे मेरा भुगतान अटक गया और मुझे बुवाई के लिए रुपये की आवश्यकता है। जल्दी भुगतान नही मिला तो खेत सुख जाएंगे।तिलोकारामटोकन - 19262116
3 > हमें जानकारी दी गई कि जिनको तारीख आवंटित हुए 7 दिन से अधिक हो गए है, उन्हें 29 जून से पहले फसल तुलवानी होगी। ऐसे में मैंने 26 जून को चना तुलवाया था। लेकिन सर्वर डाउन बताकर विक्रय पर्ची नही दी गई।विकास विश्नोई टोकन नम्बर -19264559
बडीसिड्ड जीएसएस पर तुलवाए गए चने का किसानाें को नहीं मिला भुगतान
उधर, बडीसिड्ड ग्राम सेवा सहकारी समिति लि. के खरीद केंद्र पर समर्थन मूल्य पर चने की फसल तुलवाने वाले अधिकांाश किसान भुगतान को तरस रहे हैं। किसानों ने बाप उपखंड अधिकारी महावीरसिंह को भी इस संबध में अवगत कराते हुए भुगतान दिलाने की मांग की हैं। किसान श्रवणराम, माणकराम, मानाराम, कौशलाराम सहित कई किसानो ने उपखंड अधिकारी सिंह को बताया कि ग्राम सेवा सहकारी समिति बडीसिड्ड खरीद केंद्र पर आसपास के गांवो के किसानों ने दो माह पूर्व चना तलवाकर बेचान कर दिया था। लेकिन व्यवस्थापक की हठधर्मिता व मनमाने रवैये व लापरवाही के चलते उन्हे दो माह बीत जाने पर भी फसल का भुगतान नहीं मिला हैं। भुगतान के अभाव में किसान आर्थिक संकट से जुझ रहे हैं। हालात यह है कि किसान खेती भी नहीं कर पा रहे हैं। किसानों ने बताया कि बाप पंचायत समिति की अन्य ग्राम सेवा सहकारी समितियों में भुगतान सात दिन में कर दिया गया था।
किसानों से फसल खरीद करके उन्हें भुगतान करवाने के बजाय चक्कर लगवाए जा रहे है। संगठन द्वारा खरीद केंद्र पर जाकर वस्तुस्थिति की जानकारी ली थी उससे जिला कलेक्टर व राजफैड प्रबंधक को भी अवगत करवाया है।जल्दी समाधान नही होता है तो किसान हित मे आंदोलन के विकल्पों पर भी विचार करेंगे।
मानकराम परिहारप्रदेश उपाध्यक्षभारतीय किसान संघ