Bap New s: बाप पटवार मंडल के पांच सौ अधिक किसानों को खरीफ 2018 का फसल बीमा क्लेम अभी तक नहीं मिला है, जिससे किसानों में बीमा कंपनी के प्रति...
Bap News: बाप पटवार मंडल के पांच सौ अधिक किसानों को खरीफ 2018 का फसल बीमा क्लेम अभी तक नहीं मिला है, जिससे किसानों में बीमा कंपनी के प्रति रोष व्याप्त हैं। किसानों का आरोप है कि बीमा कंपनी क्लेम को लेकर आनाकानी कर रही हैं।
वही बैंक अधिकारियों की माने तो खरीफ 2018 में गिरदावरी रिपोर्ट में शत प्रतिशत खराब होने की वजह से बीमा कंपनी ने राज्य सरकार को इस संबध में पत्र लिखा हैं। हैरानी इस बात है कि खरीफ 2020 की सीजन भी आ चुकी है, लेकिन बीमा कंपनी अभी तक इस संबध में काेई कार्यवाही आगे नहीं बढ़ा रही हैं। सोमवार को बाप हल्का क्षेत्र किसान उपखंड अधिकारी से मिले तथा बीमा क्लेम दिलाने की मांग की। एडवोकेट लीलाधर पालीवाल, बाबुलाल पालीवाल, मोहनलाल, आसकरण, रामचंद्र, गणेशाराम, हेमराज, सांगीदान पालीवाल, महेंद्रशर्मा सहित कई किसानो ने बताया कि बाप उपखंड क्षेत्र में 2018-19 में अधिकंाश गांवाे में शत प्रतिशत अकाल था। स्थानीय राजस्व विभाग द्वारा सरकार को भेजी गिरदावरी रिपोर्ट में भी अकाल दर्शाया गया था। बाप पटवार मंडल के किसानों ने यूकों बैंक, एसबीआई, आरएमजीबी व कॉओपरेटिब बैंक से केसीसी लेकर रखी थी।
बैंक के माध्यम से ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड से फसलों का बीमा किया था। बैंक ने भी किसानों के खाते से प्रीमियम की राशि काटकर बीमा कंपनी को भेज दी थी। बावजूद इसके बीमा कंपनी क्लेम नहीं दे रही है। वर्ष 2018-19 में भंयकर सूखे के कारण किसानों की खड़ी फलसें संपूर्ण रूप से नष्ट हो गई थी, तथा इस क्षेत्र को सुखाग्रस्त घोषित किया गया था। बाप पटवार मंडल को छोड़ शेष गांवो के किसानों को खरीफ 2018 का बीमा कलेम आ चुका हैं। लेकिन बाप हल्का क्षेत्र के किसानों को बीमा कलेम नहीं दिया जा रहा हैं। किसानों ने उपखंड अधिकारी से बीमा कंपनी से शीघ्र ही फसल खराबें का बीमा कलेम दिलाने की मांग की हैं।
इस संबध में युकों बैंक मैनेजर बाप ओमप्रकाश पालीवाल ने बताया कि उन्होंने बीमा कंपनी के संबधित अधिकारी से दूरभाष पर बात की थी। उन्होने बताया कि खरीफ 2018 बाप पटवार मंडल का गिरदावरी में शत प्रतिशत खराबा बताया गया हैं। जो कि संभव नहीं हैं। इसलिए हमने क्लेम के लिए राज्य सरकार को पत्र लिखकर भुगतान की अनुमति चाही हैं। जब राज्य सरकार से अनुमति प्राप्त होगी तो किसानों को फसल खराबे का क्लेम का भुगतान कर दिया जाएगा।