Bap News: जोधपुर ग्रामीण एसपी राहुल बारहट आज सोमवार शाम करीब 6 बजे बाप उपखंड क्षेत्र के केलनसर गांव स्थित पुलिस कमांडो अशोक विश्नोई के घर ...
Bap News: जोधपुर ग्रामीण एसपी राहुल बारहट आज सोमवार शाम करीब 6 बजे बाप उपखंड क्षेत्र के केलनसर गांव स्थित पुलिस कमांडो अशोक विश्नोई के घर पहुंचे। एसपी बारहठ ने कमांडो अशोक विश्नाई की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी तथा शोक संतप्त कमांडो के परिवारजनों को सांत्वना देते हुए ढांढस बंधाया। साथ ही आश्वास्त किया कि अशोक की मृत्यु की
जांच के विषय में कोई कोताही नही बरती जायेगी। जब एसपी इनके घर पहुंचे तो कमांडो की पत्नी व मां की एक ही चीख सुनाई दे रही थी कि दोषी थानाधिकारी पर कार्यवाही की जाये। माँ की करुणामय आवाज एक ही बात कह रही थी कि 'साब या मेरे अशोक को लाओ, या मारने वाले को सजा दो,। पत्नी के आंखों से भी आंसू तक नही रुक रहे थे। पत्नी रोते कह रही थी, पैसो की बात बाद में पहले मेरे पति व हमें न्याय मिले तो ही पुलिस विभाग व एसपी की सच्ची श्रद्धांजलि होगी। पैसो की कार्यवाही से पहले मेरे पति को न्याय मिले। एसपी बारहठ ने घर के बाहर बैठे परिजनों से वार्तालाप जरूर की परन्तु घर में अशोक की माँ, पुत्र, पत्नी से नही मिले तो ग्रामीणों ने नाराजगी जाहिर की।
ज्ञात रहे कि पिछले 28 अप्रेल को डोडा तस्करो का पीछा करने करने के पश्चात पाली जिले में बर के पास स्थित एक टायर ट्यूब पंचर की दुकान के आगे बोरुंदा के तत्कालीन थानाधिकारी ओमप्रकाश कासनिया की पिस्तौल से अचानक निकली गोली कमांडो अशोक विश्नोई को लग गई थी। उपचार के दौरान कमांडो ने दम तोड़ दिया था।
परिजनों ने एसपी को दिए एक ज्ञापन में बताया तस्करों को पीछा करते हुए ड्यूटी के दौरान अपना बलिदान देने वाले कमांडो को शहीद का दर्जा दिलवाया जाए। इस दुखद हादसे की निष्पक्ष उच्च स्तरीय जांच 15 दिवस के भीतर करवाई जाए एवं साथ ही दोषी थानाधिकारी को निलंबित किया जाए।
ग्रामीणों ने भी एसपी को सौंपा ज्ञापन
ग्रामीणों ने भी एसपी बाहरठ को ज्ञापन सौंपकर घटनाक्रम की सीबीआई से जांच करवाने, दोषी थानाधिकारी पर तुरन्त कार्यवाही करने, उसे शहीद का दर्जा दिलाने, आश्रित को नौकरी, पत्नी को बकाया पूरी तनख्वाह देने, ढाणी तक पक्की सड़क, अशोक के नाम से राजस्व गांव का नाम करने और अंतिम संसकार स्थल पर शहीद स्मारक बनाने की मांग की।
जांच के विषय में कोई कोताही नही बरती जायेगी। जब एसपी इनके घर पहुंचे तो कमांडो की पत्नी व मां की एक ही चीख सुनाई दे रही थी कि दोषी थानाधिकारी पर कार्यवाही की जाये। माँ की करुणामय आवाज एक ही बात कह रही थी कि 'साब या मेरे अशोक को लाओ, या मारने वाले को सजा दो,। पत्नी के आंखों से भी आंसू तक नही रुक रहे थे। पत्नी रोते कह रही थी, पैसो की बात बाद में पहले मेरे पति व हमें न्याय मिले तो ही पुलिस विभाग व एसपी की सच्ची श्रद्धांजलि होगी। पैसो की कार्यवाही से पहले मेरे पति को न्याय मिले। एसपी बारहठ ने घर के बाहर बैठे परिजनों से वार्तालाप जरूर की परन्तु घर में अशोक की माँ, पुत्र, पत्नी से नही मिले तो ग्रामीणों ने नाराजगी जाहिर की।
ज्ञात रहे कि पिछले 28 अप्रेल को डोडा तस्करो का पीछा करने करने के पश्चात पाली जिले में बर के पास स्थित एक टायर ट्यूब पंचर की दुकान के आगे बोरुंदा के तत्कालीन थानाधिकारी ओमप्रकाश कासनिया की पिस्तौल से अचानक निकली गोली कमांडो अशोक विश्नोई को लग गई थी। उपचार के दौरान कमांडो ने दम तोड़ दिया था।
परिजनों ने एसपी को दिए एक ज्ञापन में बताया तस्करों को पीछा करते हुए ड्यूटी के दौरान अपना बलिदान देने वाले कमांडो को शहीद का दर्जा दिलवाया जाए। इस दुखद हादसे की निष्पक्ष उच्च स्तरीय जांच 15 दिवस के भीतर करवाई जाए एवं साथ ही दोषी थानाधिकारी को निलंबित किया जाए।
ग्रामीणों ने भी एसपी को सौंपा ज्ञापन
ग्रामीणों ने भी एसपी बाहरठ को ज्ञापन सौंपकर घटनाक्रम की सीबीआई से जांच करवाने, दोषी थानाधिकारी पर तुरन्त कार्यवाही करने, उसे शहीद का दर्जा दिलाने, आश्रित को नौकरी, पत्नी को बकाया पूरी तनख्वाह देने, ढाणी तक पक्की सड़क, अशोक के नाम से राजस्व गांव का नाम करने और अंतिम संसकार स्थल पर शहीद स्मारक बनाने की मांग की।
पांचाराम डारा, घंटियाली की रिपोर्ट