Bap New s: राजस्थान शिक्षा सेवा प्राध्यापक संघ (रेसला) ब्लॉक बाप ने गुरूवार को मुख्यमंत्री के नाम का उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंप प्रधानाचा...
सीएम के नाम सौंपे ज्ञापन में बताया कि वर्तमान में प्रधानाचार्य (उमावि) के लगभग 12000 पद है, जिन पर प्राध्यापक व प्रधानाध्यापक से 67.33 के अनुपात में पदोन्नति की जाती हैं। सरकार जिस आधार पर 67.33 का अनुपात लागू किया है, उस समय व्याख्याताओंं की संख्या 23 हजार तथा प्रधानाध्यापक की संख्या 9 हजार थी। लेकिन वर्तमान में व्याख्याताओं की संख्या बढ़कर 54 हजार व प्रधानाध्यापक की संख्या 3500 हो गई हैं। इसलिए वर्तमान में यह नियम असामयिक हो चुका हैं। ज्ञापन में लिखा कि व्याख्याता व प्रधानाध्यापक दोनो समक्ष पद है, तथा ग्रुप एफ में आते हैं। दोनो ही पदों पर 50 फीसदी सीधी व 50 फीसदी पदोन्नति से भर्ती होती हैं।
द्वितीय श्रेणी शिक्षक की पदोन्नति स्नातकोत्तर होने पर व्याख्याता पद पर व स्नातक होने पर प्रधानाध्यापक पर होती हैं। व्याख्याता व प्रधानाध्यापक की अगली पदोन्नति प्रधानाचार्य (उमावि) पर होती हैं। ज्ञापन मे बताया कि उक्त नियम लागू करने पर किसी भी शिक्षक संगठन का कोई विरोध नहीं होगा, बल्कि इससे सभी लाभांवित होंगे। ज्ञापन में नियम संसोधन में संख्यात्मक अनुपात लागू कर राजस्थान के 54 हजार व्याख्याताओं सहित समस्त शिक्षकों को लाभ दिलाने की मांग की गइ हैं। ज्ञापन सौंपते समय ब्लॉक अध्यक्ष दुष्यंतसिंह राठौड़, व्याख्याता देवीलाल, लक्ष्मण राम, राजीव कुमावत, पपुराम आदि उपस्थित थे।