Bap News: फलोदी विधानसभा क्षेत्र एवं जोधपुर जिले के सबसे अंतिम छोर पर रेत के बड़े-बड़े धोरो के बीच स्थित है ग्राम पंचायत मुख्यालय केलनसर। ग...
शनिवार दोपहर को यह संवाददाता अशोक कुमार मेघवाल ने केलनसर गांव में पुलिस कंमाडो अशोक कुमार विश्नोई के घर पहुंचकर उनकी तस्वीर पर पुष्पाजंली अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजली दी है। तथा उनके परिजनों एवं जागरूक ग्रामीणों से बातचीत की तो उनका दबा दर्द छलक पड़ा। केलनसर के ग्रामीणों ने घटना के दौरान घायल कंमाडो को अस्पताल पहुंचाने में कोताही बरतने तथा अब तक हुई विभागीय कार्रवाई पर खुलकर असंतोष व्यक्त किया है। शहीद कंमाडो अशोक कुमार विश्नोई के पिता भंवरलाल विश्नोई व्यवस्थापक काॅ ऑपरेटिव सोसायटी जेतसर, चाचा पूनमचंद विश्नोई, वरिष्ठ समाज सेवी हीराराम विश्नोई, बाबूराम विश्नोई, हरिराम तेतरवाल तथा रामदेव सजनाणी ने बताया कि घटना के वक्त घायल कंमाडो अशोक विश्नोई को घटनास्थल से ब्यावर अस्पताल में नही ले जाकर उसे बिलाड़ा तथा जोधपुर अस्पताल लाना।
स्थानीय चिकित्सक के आग्रह के बावजूद घायल कंमाडो को ऑक्सीजन के लिए जैतारण अस्पताल नही ले जाना जैसे सवाल है, जिनका जबाब दिया जाना जरूरी है। घायल कंमाडो को पुलिस खुद के वाहन में लाने के बजाय वहां के सरपंच पति के वाहन का इंतजार करना भी गांव वालों को नागवार गुजर रहा है। ग्रामीणों तथा कंमाडो अशोक विश्नोई के परिजनों ने इस बात पर भी नाराजगी जताई की घटना के पांच दिन गुजर जाने के बाद अभी तक एसपी जोधपुर ग्रामीण तथा आईजी जोधपुर रेंज ने शोक व्यक्त करने के लिये कंमाडो के गांव में आना मुनासिब नही समझा है तथा ना ही इस मामले में दोषी तत्कालीन थानाधिकारी ओमप्रकाश कसानिया को निलंबित किया गया है।
कंमाडो अशोक कुमार विश्नोई की पारिवारिक स्थिति:-
गोली लगने से शहीद हुये पुलिस कंमाडो अशोक कुमार विश्नोई (28वर्ष)की शुरूआती शिक्षा केलनसर गांव में ही हुई तथा उसके बाद 12 वीं तक की शिक्षा होली स्पिरिट सीनीयर स्कूल पावटा जोधपुर में हुई। अगस्त 2011 में अशोक कुमार विश्नोई का पुलिस बल में सिपाही के पद पर चयन हुआ।नियुक्ति के बाद करीब एक साल तक विश्नोई ने फलोदी पुलिस थाने में भी सेवायें दी तथा बाद में विभाग स्तर पर होने वाले कंमाडो कोर्स को भी संजीदगी के पूरा कर पुलिस कंमाडो बन गये। कंमाडो अशोक कुमार विश्नोई के पिता भंवरलाल विश्नोई गंगानगर जिले में काॅ ऑपरेटिव सोसायटी जेतसर के व्यवस्थापक है। एक छोटा भाई अनिल विश्नोई शिक्षा विभाग में अध्यापक है तथा दूसरा भाई खेती बाड़ी का काम करता है।कंमाडो अशोक विश्नोई का ससुराल कोलायत तहसील के रणजीतपुरा गांव में है। पत्नि श्रीमती सरिता विश्नोई 7 वीं तक ही पढी हुई है। इनके दो पुत्र है पियूष 5 साल तथा कुलदीप 3 साल जो जोधपुर में ही अध्यनरत है। घटना के बाद से ही शहीद कंमाडो अशोक विश्नोई की माता श्रीमती समदा देवी, पिता भंवरलाल तथा पत्नि श्रीमती सरिता देवी गहरे सदमे में है। उनको अभी तक यकीन नही हो पा रहा है उनका अपना उन्हें छोडकर चला गया है। परिवार के अन्य सदस्य तथा नाते रिश्तेदार कंमाडो की पत्नि, माता तथा पिता को लगातार हिम्मत बंधा रहे है।
केलनसर के ग्रामीणों की प्रमुख मांगे:-
कंमाडो अशोक कुमार विश्नोई को शहीद का दर्जा देने, इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय न्यायिक एवं प्रशासनिक जांच करवाने, कंमाडो अशोक विश्नोई की पत्नि को एक्स ग्रेशिया पेंशन का परिलाभ देने, आश्रित हो सरकारी नौकरी देने, बोरूंदा के तत्कालीन थानाधिकारी ओमप्रकाश कासनिया को तुरंत निलंबित करने, पुलिस में दर्ज मामले की जांच आईजी जोधपुर रेंज के अधीन एएसपी स्तर के अधिकारी से करवाने, राज्य सरकार द्वारा विशेष आर्थिक पैकेज देने, कंमाडो अशोक कुमार विश्नोई ने नाम पर राजस्व गांव का नामकरण करने, उसकी ढाणी तक डामर सड़क बनाने तथा अंतिम संस्कार स्थल पर शहीद स्मारक बनाने की मांग की है।
इन्होने भी की है शहीद का दर्जा देने की मांग:-
राज्य सरकार के मंत्री भंवरसिंह भाटी एवं सुखराम विश्नोई तथा विधायक शोभा चौहान,अविनाश गहलोत, शंकर सिंह रावत, बिहारीलाल विश्नोई, पब्बाराम विश्नोई, किसनाराम विश्नोई, महेंद्र विश्नोई, ज्ञानचंद पारख आदि ने भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र भेजकर कंमाडो अशोक विश्नोई को शहीद का दर्जा देने तथा समस्त परिलाभ देने का आग्रह किया है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी कंमाडो विश्नोई के परिवार को सभी परिलाभ देने तथा घटना की न्यायिक जांच करवाने के लिये सीएम को पत्र भेजा है।
अशोक कुमार मेघवाल, फलोदी की रिपोर्ट