Bap News: वैश्विक महामारी कोरोना के चलते देश भर में लॉक डाउन है। इस वजह से स्कूलें भी मार्च माह में बंद हो गई थी। ऐसे में आज घरो में रह...
Bap News: वैश्विक महामारी कोरोना के चलते देश भर में लॉक डाउन है। इस वजह से स्कूलें भी मार्च माह में बंद हो गई थी। ऐसे में आज घरो में रहकर भी विश्व पृथ्वी दिवस
मनाया गया। केंद्रीय विद्यायल में पढ़ने वाले कलराबा बेरा ग्राम बच्चे करिश्मा पूनिया व राहुल पूनिया ने कल्पनाओं को कुंची के माध्यम से केनवास पर उतार कर धरती बचाएं-जीवन बचाएं तथा "आने वाली पीढ़ी है प्यारी, तो पृथ्वी को बचाना है हमारी जिम्मेदारी... स्लोगन के साथ पर्यावरण संरक्षण के लिये आमजन को जागरूकता का सन्देश दिया। साथ ही स्वयं ने भी धरती मां के संरक्षण का संकल्प लिया।
सोशल मीडिया से अपने साथी स्कूली बच्चों व आमजन से भी पृथ्वी दिवस पर पर्यावरण संरक्षण के प्रती अपने मानव कर्तव्यबोध व दायित्व का संकल्प लेने की अपील की। दोनों बच्चों ने कहा कि, श्रष्टि की रचना में इस धरती पर असंख्य जीवों की उत्पत्ति हुई है। साथ ही यह पृथ्वी असंख्य खनिजों व संसाधनों के भण्डार की दाता है। इस धरती पर असंख्य जीवों में सबसे बुद्धिमान जीव मनुष्य प्राणी है। अगर हमे इस पृथ्वी पर स्वस्थ जीवन चक्र जीना है तो हमें इस धरती के संरक्षण के साथ साथ वन, जल, पर्यावरण व जीव-जन्तु का संरक्षण करना होगा। पृथ्वी के सौन्दर्यता के सबसे बड़े आभूषण पेड़ पौधों को भी बचाना है।
स्थानीय अध्यापक मनोहरराम पूनिया ने बताया कि वैश्विक संकट की वजह से देश में लाॅक डाऊन व कोरोना संक्रमण फैलने के खतरो को देखते हूऐ प्रशासन को समय से पहले स्कूल व कॉलेजो को बन्द करना पड़ा। जिससे बच्चों की पढ़ाई बाधित हुई है। लेकिन बच्चे संकट की प्रस्थति को समझते हुए घर में रहकर निरन्तर पढ़ाई कर रहे हैं। ऐसे मे बच्चों द्वारा घर में रहकर आज विश्व पृथ्वी दिवस पर दिया गया सन्देश उपयोगी है। पृथ्वी सभी मनुष्यों की जरूरत पूरी करने के लिए पर्याप्त संसाधन प्रदान करती है, लेकिन इंसानी लालच ने इस धरती के आंचल को हमेशा दूषित ही किया है। हमे उस हर काम के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए जो पृथ्वी को नुकसान पहुंचाती है।