नई दिल्ली: देश की राजधानी व अन्य जगहों पर स्वास्थ्य कर्मियों डॉक्टर नर्स व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों पर हो रहे हमले को मध्य नजर रखते हुए कें...
इस अध्यादेश के जरिए सरकार ने 123 साल पुरानी महामारी कानून में सख्त प्रावधान को जोड़ा है राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षर करते ही यह अध्यादेश तत्काल प्रभाव से पूरे भारत में लागू हो जाएगा कैबिनेट द्वारा लिए गए इस फैसले की जानकारी केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेडकर द्वारा दी गई ।
इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी स्पष्ट शब्दों में कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा से सरकार कोई समझौता नहीं करेगी।
"हम कोरोना के खिलाफ बहादुरी से लड़ रहे हर एक स्वास्थ्य कर्मी की सुरक्षा के लिए प्रतिबंध है महामारी संशोधन अध्यादेश यही दिखाता है मैं प्रोफेशनल्स की सुरक्षा सुनिश्चित करूंगा सुरक्षा से कोई समझौता नहीं हो सकता" - नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों पर होने वाले हमले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे स्वास्थ्य कर्मी पिछले काफी समय से अपनी सुरक्षा के लिए एक नए कानून की मांग कर रहे थे इसी संदर्भ में डॉक्टर द्वारा आगामी 23 अप्रैल को काला दिवस मनाने की चेतावनी दी थी इस चेतावनी के पश्चात केंद्रीय गृह मंत्री ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन आश्वासन दिया था उन्होंने कहा था कि डॉक्टर से कोई समझौता नहीं किया जाएगा इसके पश्चात इंडियन मेडिकल एसोसिएशन वापस ले लिया था ।
अब जानते हैं इस नए अध्यादेश को
- :- यह कानून तभी तक लागू रहेगा जब तक देश में महामारी घोषित रहेगी
- :- इस कानून के तहत आरोपी को स्वयं अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी
- :- संपत्ति के नुकसान पर सरकार आरोपी से दोगुनी राशि वसूल करेगी
- :- स्वास्थ्य कर्मियों पर हमले की जांच 30 दिन में पूरी करनी होगी :- :- हमलावर को इस दौरान 3 माह से 5 साल की सजा का प्रावधान है :- गंभीर चोट पर यह सजा 6 माह से 7 साल तक की जा सकती है :- :- पड़ोसी या मकान मालिक स्वास्थ्य कर्मियों को परेशान करता है तो उन पर भी यह नया कानून लागू होगा
- :- इस अध्यादेश के तहत अपराध संज्ञेय एवं गैर जमानती होगा इसका अर्थ होता है कि पुलिस आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार कर सकती है और उसे जमानत सिर्फ अदालत द्वारा ही मिलेगी
- :- डॉक्टर नर्सों के साथ ही पैरामेडिकल कर्मचारी आशा सहयोगिनी वर्कर भी इस अध्यादेश के दायरे में आएंगे
सरकार द्वारा इस कानून को लेकर यह भी कहा गया है कि यह कानून तभी तक लागू रहेगा जब तक देश में महामारी घोषित रहेगी इसके बाद अगर कोई राज्य सरकार अपने क्षेत्र में महामारी आपदा घोषित करती है तो उस संबंधित क्षेत्र में या राज्य में यह कानून लागू माना जाएगा।